मुख्यमंत्री शिवराज जी आपके उद्घाटन व नारियल फोड़ने के प्रेम ने आज इंदौर के हजारों नागरिकों के स्वास्थ्य को संकट में डाला है।
एक तरफ तो आप जनता से कोरोना के नियमों के पालन की अपील कर रहे है ,दूसरी तरफ खुद ही तमाम भीड़ भरे आयोजनो से नियमो का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं ?
मुख्यमंत्री और भाजपा के तमाम जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कोरोना के नियमों व गाइडलाइन का उल्लंघन करने का प्रकरण दर्ज हो।
शहरवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा से पहले कुछ नही ,मालवा उत्सव का आयोजन भी निरस्त हो – नरेंद्र सलूजा
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आज जारी अपने बयान में आरोप लगाया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के उद्घाटन व नारियल फोड़ने के प्रेम के कारण , उनके सपनों के शहर इंदौर के हजारों नागरिकों के स्वास्थ्य को, उन्होंने आज संकट में डाला है।
एक तरफ तो खुद मुख्यमंत्री 2 दिन पूर्व प्रदेशवासियों के नाम अपने संदेश में उनसे अपील करते हैं कि वह मास्क लगाएं ,सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें ,भीड़ से बचे और नाइट कर्फ्यू का एलान करते हैं।
उनके इस निर्णय के कारण महाकाल मंदिर में भस्म आरती ,शयन आरती दर्शन पर रोक लग जाती है ,क्रिसमस के पर्व को शाम को मनाया जाता है ,शादियों पर तमाम प्रतिबंध लग जाते हैं ,स्कूल-कॉलेज-कोचिंग-जिम-मॉल में उपस्थिति पर तमाम प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं ,पूरे प्रदेश में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लग जाता है , मास्क नही पहनने वालों पर अर्थदंड की घोषणा कर दी जाती है और वही खुद मुख्यमंत्री आज इंदौर आकर तमाम भीड़ भरे कार्यक्रमों में शामिल होते हैं ,जहां भारी भीड़ भी होती है ,बगैर मास्क के भी लोग शामिल होते है , कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता है , कोई वैक्सीन का प्रमाण पत्र भी देखा जाता और कोरोना की गाइडलाइन व नियमों का जमकर मजाक उड़ाया जाता है , यही भाजपा का दोहरा चरित्र है ?
इसके पूर्व भी भाजपा ख़ुद चुनावो में लगी रही और जनता से कोरोना के नियमों की अपील करती रही ,जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता ने भुगता और प्रदेश में ढाई लाख से अधिक मौतें कोरोना की दूसरी लहर में सरकार की लापरवाही व कुप्रबंधन से हुई।
अब जब इंदौर में कल ही कोरोना संक्रमण के 22 केस आये हैं , 8 ओमीक्रोन के संदिग्ध मरीजों के सैंपल दिल्ली जांच के लिए भेजे गए हैं ,इन आयोजनो को देखते हुए जिसकी रिपोर्ट में जानबूझकर लेटलतीफी की जा रही है और ऐसे समय में जब तमाम जिम्मेदार अधिकारी 15 जनवरी के बाद कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहे हैं , ऐसे समय में क्या मुख्यमंत्री इन कार्यक्रमों को वर्चुअल तरीके से नहीं कर सकते थे ?
मुख्यमंत्री के इन कार्यक्रमों के बाद इंदौर शहर में यदि कोरोना का संक्रमण बढ़ता है तो उसका जिम्मेदार व दोषी कौन होगा ?
एक तरफ तो तमाम आयोजनों पर प्रतिबंध लग चुका है तो क्या कारण है इंदौर के लालबाग में मालवा उत्सव के आयोजन को अनुमति दी गई है , जिससे भी कोरोना गाइडलाइन जमकर टूटेगी ?
कांग्रेस मांग करती है कि मुख्यमंत्री और तमाम जिम्मेदार भाजपा नेताओं के ऊपर इन आयोजनो के माध्यम से कोरोना की गाइडलाइन तोड़ने व हज़ारों जनता के स्वास्थ्य को संकट में डालने का प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
बेहतर होता कि आज मुख्यमंत्री इंदौर आते और कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते ,ऑक्सीजन प्लांटो की वास्तविकता जानते ,इलाज-बेड-अस्पतालो की समीक्षा करते लेकिन भाजपा और उसके मुख्यमंत्री तो उद्घाटन, शिलान्यास प्रेमी है ,उन्हें जनता की कोई फ़िक्र नही ,उन्हें तो सिर्फ खुद के प्रचार-प्रसार की पड़ी है।इसलिए आज इंदौर के हजारों नागरिकों के स्वास्थ्य को उन्होंने संकट में डालने का काम किया है।
अब यदि इंदौर में कोरोना का संक्रमण बढ़ता है तो इसके दोषी ख़ुद मुख्यमंत्री और भाजपा होगी।