देश और दुनिया में कोरोना का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट तबाही मचा रहा है,भारत में भी इसके मरीज मिल चुके हैं। लेकिन फिलहाल इंदौर में कोई भी मरीज सामने नहीं आया। इंदौर शहर के प्रसिद्ध और निजी सबसे बड़े अस्पताल अरबिन्दो ने जिनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट के लिए 7 मरीजों की जांच पिछले दिनों की थी, जिसके परिणाम चौंकाने वाले हैं। हालांकि उसमें ओमिक्रॉन का तो कोई मरीज नहीं हैं, मगर यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जिस डेल्टा वेरिएंट ने दूसरी लहर में कहर बरपाया था, उसमें डायवर्सिटी यानी विभिन्नताएं तो मिली हैं, पर दो मरीज गंभीर लक्षण वाले पाए गए हैं। जिनका इलाज अभी चल रहा है।
आप को बता दे कि अरबिन्दो मेडिकल कॉलेज में जिनोम सीक्वेंसिंग की मशीन कुछ समय पहले ही लगाई गई है, जिसके माध्यम से यह जिनोम सीक्वेंसिंग टेस्टिंग की गई।
इसके अलावा ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने के लिए जिनोम सीक्वेलिंग टेस्टिंग करवाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना जो सैंपल लिए जा रहे हैं और उनमें जो पॉजिटिव मरीज पाए गए उनमें से कुछ के जिनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट किए गए और उसके सैंपल दिल्ली भेजे गए हैं, लेकिन इंदौर के अरविन्दो हॉस्पिटल, जिसके पास यह टेस्टिंग सुविधा है, पॉजिटिव मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग की गई। आपको बता दे कि इसकी रिपोर्ट 75 से 80 घंटे में मिलती है। श्री अरविन्दो मेडिकल कॉलेज के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. सुष्मित के अनुसार जिन 7 मरीजों की सैंपलिंग की गई उनमें ओमिक्रॉन वेरिएंट तो नहीं मिला, मगर डेल्टा वेरिएंट ही इस “सीक्वेंसिंग में पाया गया। और हैरानी की बात यह है कि सभी सैंपल में विभिन्नताएं पाई गई। इनमे से तीन मरीजों में AY 120 तो एक मरीज में AY 91, वहीं दूसरे मरीज में AY 114 और एक की मरीज में V 1617.2 में विभिन्नता पाई गई।