Margashirsha month 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने कई त्यौहार आते है। वहीं, चंद्रमास में नए माह का आरंभ पूर्णिमा तिथि से हो जाता है। बता दें प्रत्येक चंद्रमास का नाम उसके नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। मार्गशीर्ष माह में मृगशिरा नक्षत्र होता है इसलिए इसे मार्गशीर्ष कहा जाता है। इसके अलावा यह अगहन मास के नाम से भी जाना जाता है।
बता दें इस माह में भगवान कृष्ण की उपासना करने का बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है। वहीं श्रीमद भागवत पुराण और स्कंद पुराण में भी मार्गशीर्ष मास के महत्व को बताया गया है। साथ ही यह मान्यता है कि इस माह में यदि श्रीकृष्ण की पूरी श्रद्धा के साथ भक्ति की जाए तो भक्तों की सभी तरह की मनोकामना पूरी होती हैं। साथ ही दुःखों का भी निवारण होता है। यदि आप भी इस माह में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करके उनकी विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो कुछ नियमों का पालन करें-
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करें भगवतगीता का पाठ-
गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि जो मानव इस ग्रन्थ का नियमित पाठ करेगा और लोगों को भी इसके बारे में बताएगा वह मुझे प्रिय होगा और मुझको प्राप्त करेगा। विशेषरूप से इस मास में गीता का पाठ करने से श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इस पूरे मास में रोजाना दिन में एक बार गीता का पाठ जरूर करना चाहिए। गीता का नियमित पाठ करने वाला व्यक्ति हमेशा प्रसन्न और भयमुक्त रहता है।
पुष्पों से करें पूजा-
मार्गशीर्ष मास जोकि श्रीकृष्ण का ही एक स्वरूप है, इसमें कई तरह के पुष्पों, ऋतु फल, उत्तम नैवेद्यों, धूपों तथा आरती आदि के द्वारा प्रसन्नता पूर्वक श्री जनार्दन का पूजन करके सभी सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
करें तुलसी की पूजा-
हिन्दू धर्म में तुलसी पूजन का बहुत महत्त्व है। देवी तुलसी स्वयं लक्ष्मी का ही स्वरूप हैं, ये भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय हैं। नित्य प्रति सुबह तुलसी को जल देने एवं शाम के समय घी का दीपक जलाने से श्री कृष्ण की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है।
नदियों में स्नान करें –
मार्गशीर्ष माह में पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व होता है। लेकिन आज के समय में यह हर कोई नहीं कर पता है, ऐसे में आप पानी में थोड़ा गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं। सूर्योदय से पूर्व स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
माखन-मिश्री का भोग लगाएं –
भगवान श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री बहुत ही ज्यादा प्रिय है। इसलिए उन्हें रोजाना माखन मिश्री का भोग लगाएं। साथ में तुलसी का पत्ता भी अर्पित करें, इससे भगवान श्रीकृष्ण आपकी हर विपदा को दूर करेंगे। जिससे आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएगी।
मंत्रों का करें जाप-
आपको बता दें श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिए इस माह में रोजाना पूजा के समय सुबह और शाम को ॐ कृं कृष्णाय नम:, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: और मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुड़ ध्वज। मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि। इन मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। ये जाप तुलसी की माला से करें तो और भी अच्छा है। मार्गशीर्ष मास में भगवान श्री कृष्ण का ध्यान और उनके मंत्रों का जाप अश्वमेध यज्ञ का फल प्रदान करता है।
गाय की सेवा करें-
जैसे भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री अति प्रिय है वैसे ही उन्हें गाय भी अत्यंत प्रिय है। यह तो सभी जानते है कि श्रीकृष्ण स्वयं भी ग्वाले थे और गायों की सेवा करते थे। गाय में सभी देवी-देवता विराजमान हैं। अगहन माह में गाय की विशेष तौर पर सेवा करनी चाहिए। गायों को चारा खिलाने और उनकी देखभाल करने से भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है।