जबलपुर : सरकार और निजी विद्यालयों के बीच सत्र 21-22 की फीस को लेकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में चल रहे मामले में 9 नवंबर की माननीय न्यायालय ने सरकार को फटकार लगाते हुए आदेशित किया था कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा केस न. 1724/21 में पारित आदेश दिनांक 03/05/2021 की अनदेखी करते हुए कैसे हो कैसे 8 जुलाई 2021 को मध्यप्रदेश में सिर्फ शिक्षण शुल्क लिए जाने संबंधी आदेश जारी किया है।
जिसके जवाब में 12 नवंबर को सरकार ने उच्च न्यायालय में 12 नवंबर को हलफनामा दिया था कि वे 15 दिन के अंदर उचित कार्यवाही करेंगे। इसी तारतम्य में आज सरकार द्वारा 8 जुलाई को पारित आदेश तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया है।
विदित हो माननीय उच्चतम न्यायालय ने उपरोक्त वर्णित मामले में ये निर्देश दिए रहे कि सत्र 20-21 के लिए निजी विद्यालय कुल फी का 85% ही ले सकेंगे किन्तु सत्र 21-22 हेतू सामान्य लागू फीस ली जावेगी। किन्तु मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा इन आदेशों के विपरीत 8 जुलाई 2021 को मध्यप्रदेश के निजी स्कूलों को सत्र 21-22 में भी केवल शिक्षण शुल्क ही लेने का विवादित आदेश जारी किया था।
जिसके खिलाफ एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिसके फलस्वरूप आज सरकार ने अपना विवादित आदेश वापस ले लिया है। अतः सत्र 21-21 में लिए जाने वाले शुल्क को लेकर सभी भ्रम समाप्त हो गए है एवं निजी विद्यालय सत्र 21-22 हेतु पूर्व अनुसूचित शुल्क लेने हेतु स्वतंत्र है।