Indore में दूषित पानी से हुई आठ मौतें, सही आंकड़े छुपा रहा स्वस्थ्य विभाग, अभी तक सिर्फ तीन की पुष्टि

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By Abhishek SinghPublished On: December 31, 2025

इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी के कारण हो रही मौतों का क्रम बीते एक सप्ताह से जारी रहा, जबकि आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने उपचार पर ध्यान देने के बजाय मामलों को छुपाए रखा। बड़ी संख्या में लोग बीमार अवस्था में अस्पताल पहुंचे, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर स्थिति को दबाने का प्रयास किया गया। बस्ती में एक सप्ताह के भीतर आठ लोगों की मृत्यु होने की जानकारी है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने केवल तीन मौतों को डायरिया से हुई मौत के रूप में पुष्टि की है। इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई घटना को अत्यंत दुखद बताया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी मरीजों के उपचार का संपूर्ण व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। साथ ही पेयजल के संक्रमित अथवा दूषित होने से नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की सतत निगरानी के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पीड़ितों को आवश्यक दवाइयां, विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवाएं और सभी आवश्यक संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जाएं, ताकि किसी भी मरीज को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि इंदौर जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ मरीजों के उपचार में लगी हुई हैं। साथ ही घटना के कारणों की पहचान के लिए विस्तृत जांच प्रक्रिया जारी है।

नई जलापूर्ति लाइन के लिए अगस्त में जारी हुआ था टेंडर

अगस्त में नई जलापूर्ति लाइन के लिए टेंडर जारी किया गया था, जिसमें चार एजेंसियों ने रुचि दिखाई थी। शिकायतें लिखित रूप में दर्ज थीं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। फाइलें तब हरकत में आईं, जब हालात बेकाबू हो गए और मौतें होने लगीं। इसके बाद अचानक टेंडर प्रक्रिया भी आगे बढ़ी, जांच समिति गठित हुई और कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।

मौतें होती रहीं, आयोजनों में व्यस्त रहे नेता

चौंकाने वाली बात यह रही कि भागीरथपुरा में दूषित पानी से लोगों की जान जा रही थी, उसी दौरान जनप्रतिनिधि विभिन्न आयोजनों में व्यस्त नजर आए। दूषित पेयजल का मामला उजागर होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यक्रमों में मौजूदगी की तस्वीरें सामने आईं।

मौतों के बीच चाय चर्चा में व्यस्त महापौर