इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी के कारण हो रही मौतों का क्रम बीते एक सप्ताह से जारी रहा, जबकि आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने उपचार पर ध्यान देने के बजाय मामलों को छुपाए रखा। बड़ी संख्या में लोग बीमार अवस्था में अस्पताल पहुंचे, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर स्थिति को दबाने का प्रयास किया गया। बस्ती में एक सप्ताह के भीतर आठ लोगों की मृत्यु होने की जानकारी है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने केवल तीन मौतों को डायरिया से हुई मौत के रूप में पुष्टि की है। इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई घटना को अत्यंत दुखद बताया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी मरीजों के उपचार का संपूर्ण व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। साथ ही पेयजल के संक्रमित अथवा दूषित होने से नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की सतत निगरानी के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पीड़ितों को आवश्यक दवाइयां, विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवाएं और सभी आवश्यक संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जाएं, ताकि किसी भी मरीज को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि इंदौर जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ मरीजों के उपचार में लगी हुई हैं। साथ ही घटना के कारणों की पहचान के लिए विस्तृत जांच प्रक्रिया जारी है।









