मध्यप्रदेश की राजनीति में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करना कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार को घेरने की कोशिश में पटवारी खुद ही घिरते नजर आ रहे हैं। मामला मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के गठन से जुड़ी एक अधिसूचना और उससे संबंधित वीडियो का है।
दरअसल, जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर एक वीडियो साझा किया था। इस वीडियो के आधार पर उन्होंने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। हालांकि, भाजपा ने यह साबित कर दिया है कि यह वीडियो आधा-अधूरा था और संदर्भ से काटकर पेश किया गया था। इस ‘अधूरे ज्ञान’ के प्रदर्शन के बाद भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष पर तीखा हमला बोला है।
भाजपा का पलटवार
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने जीतू पटवारी की पोस्ट पर तत्काल प्रतिक्रिया दी। भाजपा प्रवक्ताओं और नेताओं ने सवाल दागा कि आखिर जीतू पटवारी को विकास कार्यों या प्रशासनिक फैसलों से क्या तकलीफ है? पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पास अब उठाने के लिए कोई वास्तविक मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे भ्रामक और अधूरे तथ्यों का सहारा ले रहे हैं।
सस्ती लोकप्रियता के लिए आधा-अधूरा वीडियो क्लिप फैलाना कांग्रेस की हताश राजनीति को दिखाता है।
मध्यप्रदेश के विकास और मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के निर्माण से कांग्रेस को तकलीफ क्यों?
तथ्यहीन भ्रम फैलाना जनता के प्रति अक्षम्य है। कांग्रेस और उसके अध्यक्ष जनता से तुरंत माफी मांगें 😡 https://t.co/4aC4mMoIkD pic.twitter.com/Nfp4sFeuVR
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) December 29, 2025
किरकिरी के बाद उठे सवाल
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर कांग्रेस की सोशल मीडिया रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिना पूरी पड़ताल के सरकार पर हमलावर होना विपक्ष के लिए ही नुकसानदेह साबित हो रहा है। भाजपा ने इसे कांग्रेस की हताशा बताया है। उनका कहना है कि मुद्दों के अभाव में कांग्रेस अध्यक्ष अब आधे-अधूरे वीडियो का सहारा ले रहे हैं, जिसका जवाब देना अब उनके लिए ही मुश्किल हो रहा है।
मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का विवाद
विवाद की जड़ में मेट्रोपॉलिटन एरिया के गठन को लेकर जारी की गई अधिसूचना है। जीतू पटवारी ने इसे लेकर सरकार की आलोचना की थी, लेकिन भाजपा ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया नियमानुसार और जनहित में है। भाजपा ने तंज कसते हुए कहा कि अधूरे तथ्यों के आधार पर राजनीति करने से केवल अपनी ही साख गिरती है, जैसा कि इस मामले में जीतू पटवारी के साथ हुआ है।
फिलहाल, इस मुद्दे पर कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है, जबकि भाजपा ने इसे अपनी आक्रामक रणनीति का हिस्सा बना लिया है। सोशल मीडिया पर भी यूजर्स इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष को ट्रोल करते नजर आए, जिससे उनकी सियासी किरकिरी और बढ़ गई है।










