मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर इंदौर के राऊ जंक्शन स्थित 11 माह पुराना सिक्सलेन ब्रिज अपने घटिया निर्माण के कारण एनएचएआई के लिए अब परेशानी का कारण बन गया है। निर्माण में भ्रष्टाचार की आशंका भी सामने आई है। छह माह पहले ब्रिज पर आए गड्ढे एनएचएआई अधिकारियों द्वारा ठेकेदार से ठीक नहीं करवाए जा सके, इसलिए अब ब्रिज की एप्रोच रोड को ही तोड़ना पड़ा। इस कारण एक तरफ की लेन बंद कर दी गई है और अगले दो माह तक ट्रैफिक केवल एक तरफ से ही चलेगा, जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
राऊ ब्रिज पर पेचवर्क असफल
राऊ ब्रिज पर गड्ढे बनने के बाद अधिकारियों ने पहले अस्थायी मरम्मत (पेचवर्क) करवाया, लेकिन भारी वाहनों की लगातार आवाजाही के चलते यह टिक नहीं पाया। इसके बाद एनएचएआई ने सड़क को पूरी तरह उखाड़कर नए सिरे से निर्माण करने का निर्णय लिया। फिलहाल बेस वर्क किया जा रहा है, जिसके बाद सड़क को पूरी तरह नया स्वरूप दिया जाएगा।
50 करोड़ की लागत से बना ब्रिज
बताया जा रहा है कि राऊ ब्रिज के निर्माण के समय अधिकारी इसे जल्द से जल्द ट्रैफिक के लिए खोलने में व्यस्त थे, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। इस ब्रिज पर 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हुई, और ठेकेदार कंपनी को भुगतान भी कर दिया गया। हालांकि, घटिया निर्माण के कारण अब विभाग की छवि धूमिल हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार कंपनी विंध्या कंस्ट्रक्शन द्वारा ब्रिज की एक भुजा की सड़क को नए सिरे से बनाया जा रहा है। इस काम पर विभाग की ओर से अतिरिक्त राशि खर्च नहीं की जा रही है, क्योंकि ब्रिज का गारंटी पीरियड अभी समाप्त नहीं हुआ है।









