उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में नए साल 2026 से एक महत्वपूर्ण और व्यवस्थागत बदलाव लागू कर दिया गया है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार अब सभी पुजारी, पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों के लिए निर्धारित ड्रेस कोड अनिवार्य होगा। साथ ही उन्हें अपनी पहचान स्पष्ट करने के लिए आईडी कार्ड भी प्रदर्शित करना होगा। यह व्यवस्था सुरक्षा, अनुशासन और पहचान सत्यापन को मजबूत करने के उद्देश्य से लागू की गई है।
यह ड्रेस कोड संबंधी नया प्रावधान केवल मंदिर के पुजारी, पुरोहित, उनके प्रतिनिधियों और मंदिर सेवा से जुड़े कर्मचारियों पर ही लागू होगा।
इसलिए उठाया गया यह नियम
महाकाल मंदिर में हाल के समय में दर्शनार्थियों की संख्या में तेज़ वृद्धि देखी गई है। त्योहारों, खास आयोजनों और साधारण दिनों में उमड़ने वाली भारी भीड़ के बीच सुरक्षा कर्मियों के लिए असली कर्मचारियों और प्रतिनिधियों की पहचान करना कई बार चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा था। इसके अलावा, कुछ अवसरों पर गैर-पंजीकृत लोग स्वयं को मंदिर सेवक या प्रतिनिधि बताकर प्रवेश करने की कोशिश भी कर चुके थे। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने अब अधिक कड़ी और सुव्यवस्थित व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है।
ID कार्ड भी हुआ अनिवार्य
- आईडी कार्ड मंदिर प्रशासन द्वारा जारी किए जाएंगे
- ताकि अधिकृत व्यक्तियों की पहचान बिना किसी भ्रम के की जा सके
- फर्जी प्रतिनिधियों की गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके
- सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है
ऐसी होगी ड्रेस
मंदिर प्रशासन एक निर्धारित वेशभूषा लागू करने की प्रक्रिया में है, जिसमें रंग, डिज़ाइन और पहनने की शैली पूरी तरह समान रखी जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि भीड़भाड़ वाले समय में भी पुजारियों और प्रतिनिधियों की पहचान तुरंत हो सके। साथ ही, इस पोशाक को उनकी पारंपरिक शैली से सामंजस्य रखते हुए तैयार किया जा रहा है, ताकि ड्रेस कोड लागू होने के बावजूद सांस्कृतिक स्वरूप बना रहे।









