वित्त विभाग ने उप्र राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2004 के अनुरूप मध्यकालिक राजकोषीय पुनर्संरचना नीति–2025 जारी की है। इस नीति में वित्त वर्ष 2026–27 के लिए प्रदेश के कुल बजट का आकार लगभग 9 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
विभागीय आकलनों के अनुसार, वर्ष 2027–28 में बजट का आकार बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है, जबकि 2028–29 में यह आंकड़ा 11 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुँच सकता है। इस प्रकार अगले तीन वर्षों में हर वर्ष बजट में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की वृद्धि अनुमानित है।
सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य 2029–30 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 ट्रिलियन रुपये के स्तर पर पहुँचाने का है। इसी उद्देश्य से आगामी वर्षों में बजट का आकार वर्तमान अनुमानों से भी अधिक हो सकता है। निवेश विस्तार और सभी क्षेत्रों में तेज़ विकास पर सरकार विशेष बल दे रही है, जिसके लिए विभिन्न विभागों में आवश्यक तैयारी जारी है।
19 से 24 दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र
यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से प्रारंभ होकर 24 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। पांच दिनों के इस सत्र में राज्य सरकार विभिन्न विधायी कार्यों को आगे बढ़ाएगी। मंगलवार को कैबिनेट ने बाय सर्कुलेशन के माध्यम से सत्र से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी अवधि में सरकार चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत कर सकती है।
अनुमान है कि चुनाव आयोग द्वारा संचालित मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) को लेकर सदन में तीखी बहस और हंगामा हो सकता है, क्योंकि विपक्ष इस प्रक्रिया को लेकर लगातार भाजपा पर निशाना साधता रहा है।
पहला अनुपूरक बजट पेश करने की तैयारी
प्रस्तावित शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार वित्तीय वर्ष 2025–26 का पहला अनुपूरक बजट प्रस्तुत कर सकती है। अनुपूरक बजट का अंतिम आकार सरकार तय करेगी, हालांकि विभिन्न विभाग मौजूदा योजनाओं के क्रियान्वयन और अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता से संबंधित प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजना शुरू कर चुके हैं। अनुपूरक बजट पेश होने के साथ ही चालू वित्त वर्ष का कुल बजट 8,08,736.06 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा।









