आईवीएफ में क्यों ज़रूरी है कि दवाएं और प्लान पेशेंट के आनुवंशिकी और ज़रूरतों पर आधारित हों

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By Pinal PatidarPublished On: December 2, 2025

हर महिला का शरीर दवाओं पर अलग तरह से प्रतिक्रिया देता है – किसी के लिए कम दवा भी काम कर जाती है तो किसी और को अधिक समय और सावधानी की आवश्यकता होती है। लंबे समय तक आईवीएफ में एक ही तरह की दवा, एक ही तरह की खुराक सभी पर लागू की जाती थी — जबकि असलियत यह है कि हर पेशेंट का शरीर अलग कहानी कहता है। अब विज्ञान बदल रहा है। डॉ. आस्था जैन, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, इंदौर, ने समझाया कि पेशेंट के आनुवंशिकी और जानकारी की मदद से आज इलाज को व्यक्तिगत रूप से बनाया जाता है।

आनुवंशिकी आईवीएफ में अहम क्यों है

कई रिसर्च साफ दिखाती हैं कि आनुवंशिकी के कुछ पहलु यह तय करते हैं कि किसी महिला के अंडाशय दवाओं पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे। उदाहरण के तौर पर, FSH रिसेप्टर जीन में मा छोटे से भी अंतर का भी मतलब है एक ही प्रक्रिया का दो महिलाओं पर अलग असर हो सकता है। ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट नामक एक अध्ययन ने इस अंतर को स्पष्ट रूप से दिखाया कि ऐसे जीन वेरिएंट को समझना डॉक्टरों को शुरुआत से ही डोज़ तय करने में मदद करता है — जिससे दुष्प्रभाव कम होते हैं और बेहतर गुणवत्ता के अंडे मिलते हैं।

अब आईवीएफ अनुमान से नहीं, डेटा से चलता है

डेटा आज फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स में एक सहायक बन गया है। हर आईवीएफ साइकल से डेटा निकलता है — हार्मोन के स्तर, फॉलिकल का बढ़ना, भ्रूण का विकास। जब ऐसे डेटा के समूह का एक साथ अध्ययन किया जाता है, तो कुछ रुझान स्पष्ट हो जाते हैं।। कुछ सेंटर अब ऐसे कंप्यूटेशनल मॉडल का उपयोग करते हैं जो इम्प्लांटेशन की संभावना लगभग 70% सटीकता से अनुमान लगा लेते हैं। यह प्रणालियाँ स्वयं निर्णय नहीं लेतीं, पर डॉक्टर को सही समय पर ट्रिगर देना हो या सबसे स्वस्थ एम्ब्रियो चुनना हो — हर कदम पर एक मजबूत वैज्ञानिक आधार देते हैं।
व्यक्तिगत आईवीएफ का दायरा और बड़ा है

व्यक्तिगत प्लानिंग दवा और समय से कहीं आगे जाता है। प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग (PGT) भ्रूण को ट्रांसफ़र से पहले गुणसूत्र संतुलन या विशिष्ट वंशानुगत स्थितियों के लिए जाँचने की अनुमति देता है। यह बार-बार विफलता या अधिक उम्र के मामलों में विशेष रूप से उपयोगी है। नई रिसर्च नॉन-इनवेसिव PGT पर भी काम कर रही है — जिसमें भ्रूण को छुए बिना, उसके आसपास के कल्चर फ्लूड से ही आनुवंशिकी जानकारी पढ़ी जाती है। यह तरीका कोमल भी है और काफी संभावनाशील भी।

परिशुद्धता का मानवीय पहलू

परिशुद्ध चिकित्सा मशीनों या एल्गोरिदम पर आधारित नहीं है। यह इस बात को समझने पर आधारित है कि प्रजनन उपचार तब सबसे अच्छा काम करता है जब वह व्यक्ति के अनुकूल हो, न कि इसके विपरीत। विज्ञान उपकरण प्रदान करता है, लेकिन इसे अर्थ इस बात से मिलता है कि प्रत्येक पेशेंट के शरीर और उसकी कहानी को समझने के लिए इसका कितनी सोच-समझकर उपयोग किया जाता है।