SIR के बहाने साइबर अपराधी कर रहे ठगी, OTP पूछकर खाली कर रहे खाता, हो जाएं सावधान

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By Abhishek SinghPublished On: November 27, 2025

मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR 2026) की प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक जारी है। बीएलओ घर-घर जाकर नागरिकों से आवश्यक फॉर्म भरवा रहे हैं। इसी बीच SIR फॉर्म के नाम पर एक नया ऑनलाइन ठगी का तरीका तेजी से सामने आ रहा है। ठग सरकारी प्रक्रिया या वेरिफिकेशन का हवाला देते हुए लोगों को कॉल करते हैं और फॉर्म भरने के बहाने उनका ओटीपी मांग लेते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति ओटीपी साझा करता है, धोखेबाज उसके मोबाइल और बैंक खातों तक पहुंच बनाकर आर्थिक हानि पहुंचा देते हैं।

ओटीपी मांगने वालों से रहें सावधान

इंदौर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि एसआईआर फॉर्म से जुड़ी किसी भी प्रक्रिया में ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एसआईआर प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर आपसे ओटीपी मांगता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएँ और किसी भी हाल में अपना ओटीपी साझा न करें।

इस संबंध में एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी से बचने का सबसे मजबूत उपाय जागरूक रहना है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सतर्क रहें और किसी भी अज्ञात या अविश्वसनीय व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का ओटीपी बिल्कुल साझा न करें।

पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

साल 2003 की जानकारी- साल 2003 की मतदाता सूची में अपने, माता-पिता या दादा-दादी का विवरण जानने के लिए मतदाता अपने क्षेत्र के बीएलओ या निकटतम हेल्पडेस्क से संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह जानकारी ऑनलाइन voters.eci.gov.in या ceoelection.mp.gov.in पर भी उपलब्ध है।

SIR टोल फ्री नंबर- मतदाता आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए राज्य के टोल-फ्री नंबर 1950 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

निःशुल्क प्रक्रिया- एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह नि:शुल्क है। यदि कोई आपसे किसी प्रकार की फीस, प्रोसेसिंग चार्ज या भुगतान की मांग करे, तो सावधान हो जाएँ—ऐसे कॉल या संदेश धोखाधड़ी हो सकते हैं। व्हॉट्सऐप या सोशल मीडिया पर आए किसी भी अज्ञात लिंक को न खोलें। ‘आपका वोटर कार्ड निरस्त हो जाएगा’, ‘तुरंत एसआईआर भरें’ जैसे संदेश अक्सर फर्जी होते हैं।

एसआईआर से जुड़े कार्य के लिए यदि साइबर कैफे का उपयोग कर रहे हों, तो अतिरिक्त सतर्कता रखें। ऑटो-सेव फीचर बंद रखें, काम पूरा होने के बाद ब्राउज़र का इतिहास और कैश अवश्य हटाएँ और अनिवार्य रूप से लॉगआउट करें। किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या गतिविधि की तत्काल शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन 1930 पर करें।

किसी को न दें OTP- एसआईआर-2026 की प्रक्रिया में गणना पत्रक हेतु न तो बीएलओ और न ही कोई अन्य अधिकारी ओटीपी मांगने का अधिकार रखता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को इस संबंध में ओटीपी बिल्कुल भी साझा न करें।