इंदौर की मशहूर सराफा चौपाटी पर एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई। नगर निगम की टीम जब 80 पारंपरिक दुकानों को छोड़कर बाकी अनधिकृत दुकानों को हटाने पहुँची, तो उन्हें व्यापारियों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। निगम अधिकारियों ने समझाते हुए कहा कि दुकानें रात 9 बजे के बाद ही लगाई जाएँ, इससे पहले नहीं।
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व्यापारियों ने मांगें मानने की बात तो कही, लेकिन दुकानें न हटाने पर अड़े रहे। निगम ने नियमों का हवाला देकर स्थिति संभालने की कोशिश की। सराफा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी का कहना है कि कई बैठकों में नगर निगम और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भरोसा दिलाया था कि 80 निर्धारित दुकानों को छोड़कर बाकी अवैध दुकानें आज हटाई जाएँगी। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो वे विरोध दर्ज करेंगे।
मोमोज-चाइनीज स्टॉल पर प्रतिबन्ध
बैठक में यह बात सामने आई कि सराफा में हाल ही में मोमोज और चाइनीज आइटम बेचने वाले कई नए ठेले-खोमचे शुरू हो गए हैं, जिससे भीड़ का दबाव बढ़ा और हालात अव्यवस्थित हो गए। अब निर्णय लिया गया है कि चिन्हित 80 दुकानों को छोड़कर बाकी सभी अनधिकृत दुकानें, ठेले और खोमचे हटाए जाएंगे।
80 पारंपरिक दुकानों को ही मिलेगी संचालन की अनुमति
गौरतलब है कि सराफा क्षेत्र में लगने वाली फूड स्टॉल्स को लेकर मंगलवार रात एक महत्वपूर्ण बैठक प्रस्तावित थी, जो बाद में कुछ कारणों से आयोजित नहीं हो पाई। इसके बावजूद नगर निगम और सराफा व्यापारी एसोसिएशन के बीच यह सहमति बनी कि सराफा चौपाटी पर सिर्फ उन्हीं 80 पारंपरिक और पुरानी दुकानों को संचालन की मंजूरी दी जाएगी। हाल के दिनों में यहाँ बड़ी संख्या में नई दुकानें शुरू हो गई थीं, जिनसे व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। प्रशासन पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुका है कि सराफा अपनी पारंपरिक मिठाइयों और व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए उसकी मूल पहचान को संरक्षित रखना आवश्यक है।









