Bhopal: मध्य प्रदेश विधानसभा के आगामी सत्र को देखते हुए राजधानी भोपाल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शहर में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने 1 से 5 दिसंबर तक के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत लागू किया गया है।
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य विधानसभा सत्र के दौरान किसी भी प्रकार के व्यवधान को रोकना है। पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठन इस दौरान अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन और रैलियां कर सकते हैं, जिससे शहर की शांति भंग हो सकती है।
क्यों लागू की गई धारा 163?
विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न संगठनों द्वारा धरना, प्रदर्शन, घेराव और रैलियों के आयोजन की प्रबल आशंका है। इन गतिविधियों से यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकती है और लोक शांति भंग होने का खतरा है। इसी के मद्देनजर, एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है ताकि सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके।
इन पर रहेगी पाबंदी
आदेश के अनुसार, 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक भोपाल में निम्नलिखित गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा:
- किसी भी प्रकार के सार्वजनिक प्रदर्शन, जुलूस, रैली या सभा का आयोजन।
- पांच या उससे अधिक लोगों का गैर-कानूनी रूप से एक जगह इकट्ठा होना।
- किसी भी तरह के हथियार, लाठी, डंडे या अन्य धारदार वस्तु लेकर चलना।
हालांकि, यह आदेश सरकारी कार्यक्रमों, विवाह समारोहों और शव यात्राओं पर लागू नहीं होगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
विधानसभा सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। विधानसभा भवन और उसके आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया जाएगा। शहर के प्रमुख चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।










