Indore Ujjain Expressway: मध्य प्रदेश के दो प्रमुख शहरों, इंदौर और उज्जैन के बीच कनेक्टिविटी को एक नई रफ्तार मिलने वाली है। दोनों शहरों को जोड़ने के लिए एक नए फोर-लेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है, जो एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर विकसित होगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद 48.10 किलोमीटर की यह दूरी महज 30 मिनट में तय की जा सकेगी, जिससे लाखों यात्रियों और श्रद्धालुओं का समय बचेगा।
यह नया हाईवे मौजूदा सड़क पर ट्रैफिक के भारी दबाव को कम करने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है। इंदौर, जो प्रदेश की आर्थिक राजधानी है, और उज्जैन, जो एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है, के बीच हर दिन हजारों वाहनों की आवाजाही होती है। नया मार्ग बनने से यह सफर न केवल तेज, बल्कि सुरक्षित भी हो जाएगा।
एक्सप्रेस-वे की तरह होगी डिजाइन
इस हाईवे की सबसे बड़ी खासियत इसका डिजाइन है, जिसे पूरी तरह से एक्सप्रेस-वे की अवधारणा पर तैयार किया जा रहा है। इसका मतलब है कि यह एक एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे होगा, जहां हर कहीं से वाहनों के आने-जाने की सुविधा नहीं होगी। पूरे 48.10 किलोमीटर के स्ट्रेच पर ट्रैफिक को एंट्री और एग्जिट के लिए केवल 4 पॉइंट दिए जाएंगे।
इस व्यवस्था से हाईवे पर वाहनों की औसत गति बनी रहेगी और स्थानीय ट्रैफिक के कारण लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। तेज गति से चलने वाले वाहन बिना किसी रुकावट के अपना सफर पूरा कर सकेंगे, जिससे यात्रा का समय अपने आप कम हो जाएगा।
प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं
इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कई महत्वपूर्ण बातें हैं जो इसे खास बनाती हैं:
1. दूरी और समय: हाईवे की कुल लंबाई 48.10 किलोमीटर होगी और इसे 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया जा रहा है, जिससे 30 मिनट में सफर पूरा हो सकेगा।
2. सीमित एंट्री-एग्जिट: ट्रैफिक के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए केवल 4 चयनित स्थानों पर ही हाईवे पर चढ़ने और उतरने की सुविधा होगी। यह इसे सामान्य हाईवे से अलग बनाता है।
3. फोर-लेन चौड़ाई: सड़क को फोर-लेन बनाया जाएगा, जिससे दोनों दिशाओं में वाहनों को चलने के लिए पर्याप्त जगह मिलेगी और ओवरटेकिंग जैसी स्थितियों में भी सुरक्षा बनी रहेगी।
पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। यह नया हाईवे इंदौर एयरपोर्ट से उज्जैन पहुंचने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा। इससे पर्यटन को सीधे तौर पर बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, इंदौर और उसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों से माल की ढुलाई भी तेज और आसान हो जाएगी, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी। यह प्रोजेक्ट मालवा क्षेत्र के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है।









