रविवार की हल्की ठंडक भरी सुबह इंदौर में हजारों नागरिक एक साथ दौड़ पड़े और स्वास्थ्य जागरूकता का मजबूत संदेश दिया। ‘रन इंदौर, वन इंदौर’ मैराथन का शुभारंभ दशहरा मैदान से हुआ। कार्यक्रम से मुख्यमंत्री मोहन यादव वर्चुअल माध्यम से जुड़े और कहा कि इंदौर हर क्षेत्र में उत्कृष्टता का उदाहरण बन चुका है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्वच्छता की तरह फिटनेस भी शहर की नई पहचान बने। दौड़ का मार्ग दशहरा मैदान से शुरू होकर नरेंद्र तिवारी मार्ग, रणजीत हनुमान रोड, महूनाका और अन्नपूर्णा मार्ग से होते हुए पुनः दशहरा मैदान पर समाप्त हुआ।
तीन, पाँच और सात किलोमीटर की विभिन्न श्रेणियों में आयोजित इस दौड़ में हर आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। मैराथन की शुरुआत वंदे मातरम के सामूहिक गायन से हुई, जिसके बाद स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति संकल्प दिलाया गया। तत्पश्चात अतिथियों ने हरी झंडी दिखाकर दौड़ की औपचारिक शुरुआत की।
हर क्षेत्र में इंदौर का बढ़ता प्रभाव
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर केवल स्वच्छता में ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में देश और दुनिया के सामने मिसाल पेश कर रहा है। उन्होंने मैराथन में शामिल लोगों के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्र और शहर सरकार से नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी से आगे बढ़ते हैं। इंदौर का देश का सबसे स्वच्छ शहर होना भी इसके नागरिकों के सहयोग का ही परिणाम है।
दौड़ बनी सामूहिक जागरूकता की मिसाल
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि यह दौड़ सामूहिक जागरूकता का सशक्त प्रतीक है। उन्होंने कहा कि फिटनेस की बुनियाद दौड़ है और इंदौर एक बार फिर जनसहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि स्वच्छता में अग्रणी इंदौर अपने नवाचारों से लगातार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रन विथ मेयर मैराथन में प्रतिभागियों के उत्साह को देखकर यह स्पष्ट है कि इंदौर वास्तव में असाधारण शहर है।
दिव्यांग धावकों के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गईं, जिसके तहत सैकड़ों दिव्यांग प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक दौड़ में हिस्सा लिया।









