1800 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा देश का सबसे बड़ा रेल फ्लाईओवर, MP-CG रूट पर नई ट्रेनों के संचालन का रास्ता हुआ साफ

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By Pinal PatidarPublished On: November 21, 2025

मध्य प्रदेश देश का सबसे लंबा रेलवे वायाडक्ट बनने की ओरकटनी ग्रेड सेपरेटर परियोजना सिर्फ स्थानीय महत्व ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक अनोखी उपलब्धि साबित हो रही है। कुल 33.40 किमी लंबाई वाले इस प्रोजेक्ट में डाउन ग्रेड सेपरेटर 17.52 किमी और अप ग्रेड सेपरेटर 15.35 किमी फैला हुआ है, जो इसे देश का सबसे लंबा रेलवे वायाडक्ट बनाता है। इसके निर्माण में विशाल तकनीकी संरचनाएँ खड़ी की जा रही हैं अप साइड में 1570 फाउंडेशन और 264 पियर्स तैयार किए जा चुके हैं। वहीं डाउन साइड पर 2592 फाउंडेशन और 425 पियर्स बनाए गए हैं। अप्रैल महीने में अप लाइन की सफल टेस्ट रन के दौरान कटंगी खुर्द से न्यू मझगवां स्टेशन के बीच ट्रेन परिचालन शुरू कर दिया गया था। तब से इस मार्ग पर मालगाड़ियाँ नियमित रूप से संचालित हो रही हैं, जिससे इस परियोजना की उपयोगिता पहले ही साबित हो चुकी है।

डाउन ट्रैक पर धीमी रफ्तार

हालांकि अप ट्रैक पूरी तरह शुरू हो चुका है, लेकिन डाउन ट्रैक पर काम अपेक्षा से धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। 17.52 किमी लंबे इस हिस्से में कई स्थानों पर अब भी पिलर्स का निर्माण बाकी है। इंजीनियरों के अनुसार इस वर्ष डाउन लाइन को पूरा कर पाना मुश्किल है और फिलहाल अनुमान है कि यह कार्य वर्ष 2026 तक ही पूरी तरह तैयार हो सकेगा। निर्माण एजेंसी की धीमी गति के कारण रेलवे के लिए यह हिस्सा एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

ट्रेनों का संचालन होगा प्रभावित

ग्रेड सेपरेटर कनेक्टिविटी के लिए लिए जा रहे ब्लॉक का असर स्थानीय ट्रेन सेवाओं पर सीधे तौर पर पड़ेगा।
• 68747/48 बिलासपुर–कटनी–बिलासपुर मेमू
• 61603/04 कटनी–बरगवां–कटनी मेमू
ये दोनों ट्रेनें 27 नवंबर से 2 दिसंबर तक कटंगी खुर्द स्टेशन से शुरू और वहीं समाप्त होंगी।
इस दौरान यात्रियों को यात्रा में कुछ असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा, कटनी–चिरमिरी पैसेंजर ट्रेन भी प्रभावित होगी—
• 61609 कटनी–चिरमिरी 26 नवंबर से 2 दिसंबर तक रद्द रहेगी।
• 61602 चिरमिरी–कटनी 27 नवंबर से 3 दिसंबर तक रद्द रहेगी।

ग्रेड सेपरेटर पूरा होने से बड़े लाभ

इस परियोजना के पूरा होने के बाद क्षेत्र में रेल यातायात की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। प्रमुख लाभ इस प्रकार होंगे—
• बीना–कटनी रेलखंड पर मालगाड़ियों की रफ्तार और संख्या में वृद्धि होगी।
• कटनी, बिलासपुर और सिंगरौली के बीच अतिरिक्त वैकल्पिक रूट उपलब्ध हो जाएगा।
• न्यू कटनी व कटनी मुड़वारा जैसे अत्यंत व्यस्त रेल सेक्शनों का दबाव कम होगा।
• मालगाड़ियों की यात्रा अवधि में कमी आने से फ्रेट ट्रैफिक तेज़ होगा।
• पश्चिम मध्य रेलवे के राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है।

यह परियोजना न केवल कटनी बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के रेल मानचित्र पर एक बड़ा बदलाव लाने वाली है।