मेयर Pushymitra Bhargav के बेटे के बयान से मचा बवाल, बुलेट ट्रेन का उठाया था मुद्दा, सीएम ने लाइव स्ट्रीम से हटाया भाषण

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By Abhishek SinghPublished On: September 5, 2025

गुरुवार को इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में हुई वाद-विवाद प्रतियोगिता में संघमित्र भार्गव ने डेली कॉलेज का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान मंच पर महापौर के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे। संघमित्र के भाषण पर मंचासीन नेता ठहाके लगाकर हंस पड़े।


इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के बेटे ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मंच से देश की रेल सेवाओं पर सवाल उठाए। संघमित्र ने कहा कि 2022 तक अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलाने का वादा किया गया था।

2025 आ चुका है, लेकिन बुलेट ट्रेन अब तक धरातल पर नहीं उतरी, जबकि वादाखिलाफी तेज़ी से आगे बढ़ रही है। करोड़ों रुपये खर्च हो गए, जमीन अधिग्रहण में घोटालों के आरोप लगे, फिर भी बुलेट ट्रेन आज तक सरकार की पावरपॉइंट स्लाइड से बाहर नहीं निकल पाई।

संघमित्र का बयान लाइव प्रसारण से हटाया गया

संघमित्र भार्गव का यह भाषण वाद-विवाद प्रतियोगिता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल होने लगा। किसी तरह का विवाद न उठे, इसलिए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग से इस हिस्से को हटा दिया गया।

 

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चमकते बोर्ड, प्यासे लोग

संघमित्र भार्गव ने कहा कि सरकार दावा करती है, कवच तकनीक से रेल हादसे खत्म हो जाएंगे, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले दस सालों में 20 हजार लोगों की जान रेल हादसों में जा चुकी है। स्टेशन री-डेवलपमेंट की बात की जाती है, कहा जाता है कि 400 स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस करेंगे, जबकि वास्तव में अब तक सिर्फ 20 स्टेशन ही बदले हैं।

वहां से भी लोगों की शिकायत सुनाई देती है कि चमकते बोर्ड तो हैं, लेकिन पीने का पानी बेहद महंगा है। उन्होंने कहा कि सरकार भले ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करती हो, पर रेलवे में हालात ऐसे हैं जहां फायदा दलालों को मिल रहा है और आम जनता निराश है।

मेयर ने दी सफाई, CM ने कस दिया तंज

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संघमित्र के भाषण के बाद महापौर ने मंच से सफाई दी कि उसकी तैयारी उन्होंने नहीं कराई। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा—“आप इसे अपने ऊपर क्यों ले रहे हैं? मैं तो आपको देखकर नहीं बोल रहा था। बस एक कहावत है, जो अक्सर गलत तरह से इस्तेमाल होती है—‘चोर की दाढ़ी में तिनका’। यह बात मैंने आपके लिए नहीं कही।”