कुंवारे लड़के-लड़कियों की मुरादें पूरी करते हैं अर्जी वाले गणेश, बस लगाना होता है यह भोग

Author Picture
By Raj RathorePublished On: August 27, 2025

इस समय पूरे देश में गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। भक्तजन अपने-अपने घरों और गणेश पंडालों में बप्पा की प्रतिमाओं को विराजित कर रहे हैं। शहरों से लेकर गांव तक श्रद्धा और भक्ति का माहौल है। चारों ओर ढोल-नगाड़ों और मंत्रोच्चार की गूंज सुनाई दे रही है। इसी बीच मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित एक प्राचीन और चमत्कारी गणेश मंदिर लोगों की विशेष आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर को देशभर में ‘अर्जी वाले गणेश’ के नाम से जाना जाता है।


300 साल पुराना प्राचीन मंदिर

ग्वालियर के शिंदे की छावनी इलाके में स्थित यह गणेश मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना है। सड़क किनारे बने इस प्राचीन मंदिर की पहचान आज केवल ग्वालियर या मध्य प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में फैली हुई है। यहां भगवान गणेश पद्मासन मुद्रा में विराजमान हैं और उनके साथ दोनों ओर रिद्धि और सिद्धि की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहां लगाई गई हर अर्जी पूर्ण होती है।

अर्जी पूरी होने की अनोखी परंपरा

मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि जो भी भक्त यहां अपनी मनोकामना लेकर आता है और भगवान को उनकी पसंद के भोग – राजस्थानी लड्डू – अर्पित करता है, उसकी अर्जी कभी खाली नहीं जाती। कहा जाता है कि लगातार 9 या 11 बुधवार यहां दर्शन करने और सच्चे मन से प्रार्थना करने पर इच्छित फल जरूर मिलता है। यही कारण है कि इस मंदिर को लोग विशेष रूप से ‘अर्जी वाले गणेश’ कहते हैं।

विवाह और पारिवारिक जीवन से जुड़ी अर्जी

यहां खासकर विवाह योग्य युवाओं की अर्जी अवश्य पूरी होती है। मान्यता है कि जो भी अविवाहित युवक-युवती राजस्थानी मोटी बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर उत्तम जीवनसाथी की इच्छा रखते हैं, उनकी मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। यही नहीं, जिन दंपतियों का वैवाहिक जीवन अशांत हो या घर में बार-बार विवाद होते हों, वे भी यहां आकर अर्जी लगाते हैं। श्रद्धालु बताते हैं कि भगवान गणेश उनकी परेशानी दूर कर देते हैं और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति लौट आती है।

सिद्धि योग गणेश की दुर्लभ प्रतिमा

मंदिर में स्थापित गणेश प्रतिमा अत्यंत अद्वितीय मानी जाती है। पद्मासन में विराजमान होने के कारण इन्हें ‘सिद्धि योग गणेश’ कहा जाता है। प्रतिमा में भगवान के एक हाथ में विद्या और दूसरे हाथ में फरसा है। नीचे दो मूषक भी दर्शाए गए हैं। गणेश जी के साथ विराजित रिद्धि और सिद्धि उनकी दिव्यता को और बढ़ाते हैं। इसी वजह से इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है।

गणेश चतुर्थी पर उमड़ा भक्तों का सैलाब

गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। सुबह से ही लोग यहां पहुंचकर बप्पा के दर्शन कर रहे हैं और अर्जी लगा रहे हैं। ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों के बीच ग्वालियर का यह प्राचीन गणेश मंदिर आस्था और विश्वास का अद्वितीय केंद्र बन गया है।