मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और नई दिशा देने के लिए आज 25 अगस्त को जबलपुर में बड़ा कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे। यह कार्यक्रम नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक सूचना केंद्र में आयोजित किया जाएगा। इसी दौरान प्रदेश के कटनी जिले के लिए पीपीपी मॉडल पर नए चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे। यह फैसला स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।
जिलेवासियों के लिए सीधा प्रसारण की व्यवस्था
कटनी जिले के लोग इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बन सकें, इसके लिए प्रशासन ने विशेष इंतज़ाम किए हैं। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने निर्देश दिए हैं कि कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सोमवार को दोपहर 2 बजे से जिला चिकित्सालय कटनी के तृतीय तल स्थित मातृ एवं शिशु परिचर्या भवन (एमसीएच बिल्डिंग) में दिखाया जाएगा। कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ. राज सिंह को निर्देश दिया है कि इस कार्यक्रम में जिले के सांसद, सभी विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए, ताकि वे भी इस ऐतिहासिक पहल के सहभागी बन सकें।
मेडिकल कॉलेज के लिए चिन्हित भूमि
कटनी जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भूमि का चयन पहले ही किया जा चुका है। जिला जेल के पीछे 35 हेक्टेयर जमीन इस उद्देश्य के लिए निर्धारित की गई है। इस जमीन का निरीक्षण तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग द्वारा भी किया गया था और उन्होंने इसे उपयुक्त करार दिया था। जमीन का आवंटन भी पूरा हो चुका है। अब अनुबंध पर हस्ताक्षर के साथ ही मेडिकल कॉलेज निर्माण की दिशा में ठोस काम शुरू हो जाएगा। यह लंबे समय से जिले की जनता और सामाजिक संगठनों की प्रमुख मांग रही थी, जो अब पूरी होने जा रही है।
मेडिकल कॉलेज से मिलने वाले फायदे
कटनी जिले में मेडिकल कॉलेज बनने से यहां के लोगों को कई तरह के लाभ होंगे।
• सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा स्थानीय स्तर पर ही मिलेगी और उन्हें जबलपुर या अन्य बड़े शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा।
• कॉलेज खुलने से मेडिकल, नर्सिंग और सपोर्ट स्टाफ के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
• जिले और आसपास के छात्रों को मेडिकल शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, यानी शिक्षा के क्षेत्र में नए रास्ते खुलेंगे।
• मेडिकल कॉलेज के निर्माण और संचालन से स्थानीय कारोबार, किराया बाजार और अन्य सेवाओं में आर्थिक गतिविधियों की तेजी आएगी।
• इसके साथ ही, जिले को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी।
मेडिकल कॉलेज की मांग और घोषणा का इतिहास
कटनी में मेडिकल कॉलेज की मांग कोई नई नहीं है। इसको लेकर स्थानीय स्तर पर कई बार आंदोलन और अभियान चलाए गए। जिला जन अधिकार मंच समेत कई सामाजिक संगठनों ने लगातार प्रयास किया। 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौरे के दौरान कटनी में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई थी। इसके बाद 6 अक्टूबर 2023 को कॉलेज के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिली थी। इसके बावजूद लंबे समय तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाई। अंततः आज यह सपना हकीकत में बदल रहा है और जिले को पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की सौगात मिल रही है।