स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त से देशभर में फास्टैग एनुअल पास की सुविधा शुरू कर दी गई है। इस नई व्यवस्था के तहत अब वाहन मालिक 3000 रुपये का एकमुश्त भुगतान करके पूरे साल के लिए या फिर 200 ट्रिप तक का टोल पहले से ही कवर कर सकते हैं। खास बात यह है कि यह सुविधा केवल गैर-व्यावसायिक वाहनों जैसे निजी कार, जीप और वैन के लिए उपलब्ध होगी। यानी ट्रक, बस या अन्य कमर्शियल वाहन इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे।
पहले ही दिन मिली बड़ी सफलता
फास्टैग एनुअल पास लॉन्च होते ही लोगों में इसे लेकर काफी उत्साह देखने को मिला। आंकड़ों के अनुसार, 15 अगस्त को शाम 4:30 बजे तक ही करीब 1.2 लाख वाहन मालिकों ने इस एनुअल पास को खरीद लिया। वहीं, उस दिन तक लगभग 1.24 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए। इन आंकड़ों से साफ है कि लोगों ने इस सुविधा को हाथोंहाथ स्वीकार कर लिया है और इसे लेकर वाहनों के मालिकों में अच्छी खासी दिलचस्पी है।
यूपी के 4 बड़े एक्सप्रेसवे पर नहीं चलेगा पास
हालांकि, फास्टैग एनुअल पास हर जगह लागू नहीं होगा। उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर यह पास मान्य नहीं रहेगा। इन सड़कों से गुजरने वाले वाहनों से पहले की तरह ही उनके सामान्य फास्टैग खाते से टोल की राशि काटी जाएगी। दरअसल, ये चारों एक्सप्रेसवे राज्य सरकार के अधीन आते हैं और स्टेट हाईवे की श्रेणी में गिने जाते हैं। वहीं, फास्टैग एनुअल पास सिर्फ उन टोल प्लाज़ा पर लागू होता है जो केंद्र सरकार के अधीन आने वाले नेशनल हाईवे पर बने हैं।
फास्टैग एनुअल पास एक्टिव होने के बाद दो अलग खाते
जब कोई वाहन मालिक 3000 रुपये का भुगतान करके फास्टैग एनुअल पास एक्टिव करता है, तो उसकी गाड़ी में लगे फास्टैग टैग से दो अलग-अलग खाते जुड़ जाते हैं। पहला खाता होता है एनुअल पास का, जिसमें से नेशनल हाईवे पर यात्रा करने के दौरान टोल शुल्क कटता है। दूसरा खाता होता है सामान्य फास्टैग खाता, जो पहले से ही सक्रिय रहता है। अगर आप स्टेट हाईवे या किसी ऐसे एक्सप्रेसवे से गुजरते हैं जहां एनुअल पास मान्य नहीं है, तो उस स्थिति में टोल शुल्क सीधे आपके सामान्य फास्टैग खाते से काटा जाएगा।
एकमुश्त भुगतान से मिल रही सुविधा
यह योजना खासकर उन वाहन मालिकों के लिए फायदेमंद है, जो पूरे साल में नेशनल हाईवे पर बार-बार यात्रा करते हैं। 3000 रुपये का एनुअल पास लेने के बाद उन्हें हर बार टोल भुगतान की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। यह या तो एक साल तक या फिर 200 ट्रिप तक के लिए मान्य होगा, जो भी पहले पूरा हो जाए। यानी अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा यात्रा करता है और उसके 200 ट्रिप पूरे हो जाते हैं, तो पास की वैधता वहीं खत्म हो जाएगी। वहीं, अगर कोई कम यात्रा करता है तो पास पूरे साल तक मान्य रहेगा।