राज्य सरकार मध्यप्रदेश के 5 प्रमुख शहरों में प्रत्येक दिशा में 3 से 4 नए हेलीपैड विकसित करेगी। साथ ही, जिन 28 जिलों में अब तक हवाई पट्टियाँ उपलब्ध नहीं हैं, वहां नई एयरस्ट्रिप बनाकर विमानन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
दूसरी तरफ, जिन जिलों में पहले से एयरस्ट्रिप मौजूद है, वहां की हवाई पट्टियों का विस्तार कर उन्हें औद्योगिक और घरेलू उड़ानों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इसके लिए विमानन विभाग ने कलेक्टरों को पत्र भेजकर एक माह के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जा सके।
28 जिलों में हवाई पट्टी बनाने की कवायद
विमानन विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के 28 ऐसे जिले, जहाँ अभी तक हवाई पट्टी मौजूद नहीं है, वहाँ उपयुक्त भूमि चिन्हित की जाए। इसके लिए प्राथमिकता शासकीय जमीन को दी जाएगी और संबंधित प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। विभाग ने निर्देश दिया है कि प्रस्तावित हवाई पट्टी का क्षेत्रफल न्यूनतम 2,000 वर्गमीटर होना चाहिए और उसके चारों ओर सुरक्षा हेतु बाउंड्रीवाल भी बनाई जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन जिलों में प्रत्येक हवाई पट्टी 100 किमी के दायरे में स्थित हो। इन सभी प्रस्तावों को 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने की समयसीमा तय की गई है।
15 दिन में भेजना होगा प्रस्ताव
विमानन विभाग ने भोपाल, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर के कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि इन शहरों में वीवीआईपी मूवमेंट अपेक्षाकृत अधिक रहता है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए तथा आम नागरिकों को होने वाली असुविधा को कम करने के उद्देश्य से, शहरों की परिधि में तीन से चार नए हेलीपैड विकसित किए जाएँ।
कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 15 दिनों के भीतर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें। हेलीपैड निर्माण के लिए भूमि चयन में सबसे पहले शासकीय भूमि को प्राथमिकता दी जाएगी, हालांकि आवश्यकता पड़ने पर निजी भूमि का भी उपयोग किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और औद्योगिक परिसरों की भूमि को भी हेलीपैड के लिए उपयुक्त माना जा सकता है।
तहसील स्तर पर भी हेलीपैड निर्माण की तैयारी
विमानन विभाग ने शेष जिलों को निर्देश दिए हैं कि नगरपालिका और तहसील मुख्यालयों से 50 किलोमीटर की परिधि में हेलीपैड का निर्माण किया जाए। इसके लिए हेलीपैड की आवश्यकता, उपयोगिता और व्यवहारिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार कर 15 दिनों के भीतर शासन को भेजने को कहा गया है। इन हेलीपैड स्थलों पर वेटिंग रूम की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, दतिया और सतना में पहले से एयरपोर्ट संचालित हैं।