ज्योतिषीय दृष्टिकोण से हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। जैसे-जैसे ग्रह अपनी स्थिति और चाल बदलते हैं, व्यक्ति के जीवन में भी बदलाव दिखाई देने लगते हैं। ग्रह शुभ स्थिति में हों तो जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि बनी रहती है, लेकिन जब ग्रह अशुभ हो जाते हैं, तो संघर्ष, तनाव और कठिनाइयाँ बढ़ सकती हैं।
विशेषकर मंगल ग्रह, जिसे ऊर्जा, साहस और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है, उसकी स्थिति कुंडली में सुदृढ़ होना बहुत आवश्यक है। कमजोर मंगल जीवन में कई प्रकार की चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है।
मंगल ग्रह
मंगल को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी माना गया है और यह अग्नि तत्व के अधिपति हैं। यह ग्रह व्यक्ति के भीतर आत्मबल, उत्साह और संघर्ष करने की क्षमता पैदा करता है। जब कुंडली में मंगल मजबूत होता है तो व्यक्ति निर्णय लेने में निडर होता है, उसका गुस्सा संतुलित रहता है और वह कठिन परिस्थितियों में भी संयम बनाए रखता है। लेकिन यदि मंगल पीड़ित या नीच का हो, तो व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, आक्रोश, झगड़ालू स्वभाव और बार-बार चोट लगने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
कमजोर मंगल के लक्षण, कैसे करें पहचान?
यदि किसी व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें तो समझिए कि कुंडली में मंगल की स्थिति सशक्त नहीं है:
- हर बात पर गुस्सा आना और खुद को नियंत्रित न कर पाना
- बार-बार चोट लगना या दुर्घटना होना
- भाई-बहनों से विवाद या दूरी
- रक्त से संबंधित बीमारियाँ या सर्जरी की स्थिति
- जीवन में स्थिरता की कमी और निरंतर संघर्ष
मंगल को करें अनुकूल
हनुमान जी की उपासना करें
मंगल की शांति और शक्ति के लिए हनुमान जी का स्मरण अत्यंत प्रभावशाली होता है। नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें और मंगलवार को बजरंग बली को सिंदूर और चोला अर्पित करें।
संबंधों में मिठास बनाए रखें
मंगल ग्रह भाई-बहनों और मित्रों के साथ रिश्तों से जुड़ा होता है। इनके साथ अच्छे संबंध बनाए रखने से मंगल स्वतः मजबूत होता है।
चांदी धारण करें
चांदी को मंगल शांत करने वाला धातु माना जाता है। आप चांदी की चेन, अंगूठी या महिलाएं पायल पहन सकती हैं।
तीन धातुओं की अंगूठी
सोना, चांदी और तांबा इन तीनों धातुओं को समान मात्रा में मिलाकर बनाई गई अंगूठी को अनामिका उंगली में धारण करें। यह उपाय मंगल को अनुकूल बनाता है।
विशेष भोग अर्पित करें
मंगलवार के दिन घर पर घी का हलवा बनाएं और पहले खुद खाएं फिर दूसरों में भी बांटें। यह उपाय मंगल को प्रसन्न करता है।
दूध में शहद मिलाकर पिएं
प्रतिदिन एक गिलास दूध में थोड़ा शहद मिलाकर पीने से मंगल की ऊर्जा संतुलित होती है।
मूंगा रत्न और मंत्र जाप
मंगल को अनुकूल करने के लिए “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का नियमित जाप करें। साथ ही, किसी योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह लेकर मूंगा रत्न धारण किया जा सकता है।
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