इंदौर में फिलहाल आठ हजार से अधिक ई-रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं, और कई चालक यात्रियों से निर्धारित से अधिक किराया वसूल रहे हैं। इस अनियमितता पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने कदम उठाया है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने ई-रिक्शा के किरायों को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। संशोधित प्रावधानों के अनुसार, दो किलोमीटर तक प्रति यात्री अधिकतम 10 रुपये, तथा इसके बाद प्रत्येक अतिरिक्त किलोमीटर के लिए 5 रुपये किराया तय किया गया है। ये नई दरें शुक्रवार से प्रभाव में आ चुकी हैं और निर्धारित दरों से अधिक वसूली अब नियमों का उल्लंघन मानी जाएगी।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा ने जानकारी दी कि ई-रिक्शा चालकों द्वारा मनमाने किराए वसूलने की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। इस समस्या के समाधान के लिए अब किराया दरें निर्धारित कर दी गई हैं। निर्धारित सीमा से अधिक किराया लेने पर संबंधित चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इंदौर में वर्तमान में चार या उससे अधिक यात्रियों की क्षमता वाले ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं।
रूट निर्धारण के बिना चल रहे ई-रिक्शा
प्रशासन ने ई-रिक्शा के लिए निर्धारित रूट तय करने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन अब तक रूटों का औपचारिक निर्धारण नहीं हो पाया है। फिलहाल इंदौर में कई मार्गों पर ई-रिक्शा बेतरतीब ढंग से संचालित हो रहे हैं, जिनके लिए न तो निश्चित स्टैंड हैं और न ही कोई ठोस व्यवस्था। परिणामस्वरूप, ये रिक्शा कहीं भी खड़े हो जाते हैं, यहां तक कि चौराहों पर लेफ्ट टर्न जैसे संवेदनशील स्थानों पर भी अव्यवस्था फैलाते हैं। चार किलोमीटर की दूरी के लिए कई ई-रिक्शा चालक 80 से 100 रुपये तक वसूल रहे हैं। मनमाने किराए को लेकर यात्रियों के साथ कई बार अभद्र व्यवहार की शिकायतें भी सामने आई हैं। इसके अलावा, कुछ ई-रिक्शा का उपयोग अटाला और सब्जी बेचने जैसे व्यवसायिक कार्यों में भी किया जा रहा है, जिससे इनका मूल उद्देश्य प्रभावित हो रहा है।