Health: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें यह दावा किया गया था कि मंत्रालय ने समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थों पर चेतावनी लेबल जारी करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने इन रिपोर्टों को “भ्रामक, गलत और पूरी तरह निराधार” करार देते हुए स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आदेश या निर्देश जारी नहीं किया गया है।
भ्रामक मीडिया रिपोर्टों पर सख्त प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि “कुछ मीडिया संस्थानों ने यह रिपोर्ट की है कि समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य उत्पादों पर अब चेतावनी लेबल लगाया जाएगा। यह दावा पूरी तरह से तथ्यहीन और भ्रामक है। मंत्रालय ने ऐसा कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है।”

यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया और कई डिजिटल पोर्टलों पर यह खबर तेजी से फैल रही थी कि मिठाइयों और तले-भुने पारंपरिक खाद्य पदार्थों को अब ‘हेल्थ वॉर्निंग’ के साथ बेचा जाएगा, जिससे आमजन में भ्रम की स्थिति बन गई थी।
कार्यस्थलों के लिए एडवाइजरी, लेबल नहीं
मंत्रालय ने बताया कि उसकी ओर से केवल एक स्वैच्छिक सलाह (एडवाइजरी) जारी की गई है जो कार्यस्थलों पर स्वस्थ खाद्य विकल्पों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से है। इस एडवाइजरी में समोसा, जलेबी या लड्डू पर लेबल लगाने जैसी कोई बात नहीं की गई है। एडवाइजरी में कार्यस्थलों जैसे कैंटीन, लॉबी, कैफेटेरिया और मीटिंग रूम आदि में सूचनात्मक बोर्ड या पोस्टर लगाने की बात कही गई है, जिनमें अधिक वसा, नमक और चीनी वाले खाद्य पदार्थों के अत्यधिक सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जाए। इसका उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है, न कि किसी खाद्य पदार्थ को प्रतिबंधित करना।
मोटापे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की पहल
मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत में मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज और अन्य जीवनशैली जनित बीमारियों में वृद्धि हो रही है, जिसका प्रमुख कारण असंतुलित आहार और गतिहीन जीवनशैली है। ऐसे में स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करना जरूरी हो गया है। “एडवाइजरी का उद्देश्य है कि कार्यस्थलों पर मौजूद लोग अपने खान-पान को लेकर अधिक सतर्क रहें और संतुलित आहार चुनें। यह किसी तरह का आदेश नहीं है, बल्कि एक ‘नरम nudging’ यानी धीरे-धीरे व्यवहार में बदलाव लाने की कोशिश है,” बयान में कहा गया।
मीडिया से सावधानी और जिम्मेदारी की अपील
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मीडिया संस्थानों से अपील की है कि वे “तथ्यों की पुष्टि किए बिना” कोई भी भ्रामक सूचना न फैलाएं, क्योंकि इससे जनता में भ्रम और अविश्वास की स्थिति बनती है। बयान में आगे कहा गया, “स्वास्थ्य जैसे गंभीर विषयों पर रिपोर्टिंग करते समय जिम्मेदारी और पारदर्शिता जरूरी है। हमारी ओर से किसी भी प्रकार की आधिकारिक अधिसूचना तभी दी जाती है जब कोई नीतिगत निर्णय लिया जाता है। इस मामले में सिर्फ एक जागरूकता अभियान चलाया गया है।” स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी यह स्पष्टीकरण साफ कर देता है कि समोसा, जलेबी या लड्डू जैसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों पर कोई चेतावनी लेबल लगाने का आदेश नहीं दिया गया है। सरकार का उद्देश्य केवल जागरूकता बढ़ाना और कार्यस्थल पर स्वस्थ विकल्पों को बढ़ावा देना है, न कि पारंपरिक व्यंजनों को निशाना बनाना।
जनता से भी अपील है कि वह किसी भी खबर को साझा करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच अवश्य करें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही सूचना प्राप्त करें।