भारत के NSA अजीत डोभाल ने हाल ही में आईआईटी मद्रास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर खुलकर बात की। यह पहला मौका था जब उन्होंने इस संवेदनशील सैन्य ऑपरेशन पर सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया दी। डोभाल ने गर्व के साथ कहा, “ऑपरेशन सिंदूर हमारे लिए एक रणनीतिक और तकनीकी सफलता है। यह ऑपरेशन केवल सैन्य ताकत नहीं, बल्कि हमारी स्वदेशी तकनीक और योजना का उदाहरण है।” उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में भारत ने अपने सभी टारगेट्स को सटीकता से निशाना बनाया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया।
23 मिनट का ऑपरेशन था, एक भी नुकसान नहीं
अजीत डोभाल का बयान तब आया जब पाकिस्तान की मीडिया और सरकार ने ऑपरेशन के बाद भारत के अंदर नुकसान होने का प्रोपेगैंडा फैलाया। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत को इस सैन्य कार्रवाई में भारी क्षति हुई है। इस पर डोभाल ने दो टूक जवाब देते हुए कहा, “पूरा ऑपरेशन केवल 23 मिनट का था। अगर भारत को कोई नुकसान हुआ है, तो एक भी तस्वीर दिखा दीजिए। यहां तक कि एक गिलास तक नहीं टूटा।”
उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान की मीडिया ने झूठे वीडियो और सैटेलाइट इमेज पेश किए। लेकिन जो लोग सच्चाई जानना चाहते हैं, वे 10 मई से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें देखकर खुद समझ सकते हैं।” इस बयान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर के लिए सीधा संदेश माना जा रहा है।

तकनीक और युद्ध का तालमेल, आत्मनिर्भर भारत की ताकत
NSA डोभाल ने अपने भाषण में भारत की स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं की भी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए हथियार और टेक्नोलॉजी Make in India का नतीजा थे। उन्होंने कहा, “अब युद्ध केवल बंदूक और गोलियों तक सीमित नहीं रहा। तकनीक युद्ध का नया चेहरा है, और भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।” डोभाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि इस ऑपरेशन में भारत ने जो मिसाइल सिस्टम और निगरानी तकनीक इस्तेमाल की, वह पूरी तरह स्वदेशी थी और अत्यंत कुशलता से कार्य कर रही थी। इससे यह संकेत भी मिला कि भारत अब सीमाओं पर सिर्फ ताकत से नहीं, स्मार्ट वॉरफेयर के जरिए भी जवाब देगा।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत की निर्णायक कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़ी है, जिसमें भारतीय नागरिकों की मौत हुई थी। इस हमले के बाद सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि इसका जवाब “शब्दों” से नहीं, कार्रवाई से दिया जाएगा। भारत ने 48 घंटे के अंदर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादी शिविरों पर हमला कर, सौ से अधिक आतंकियों को मार गिराया। डोभाल ने यह भी बताया कि इस कार्रवाई में सेना के किसी भी जवान को चोट तक नहीं आई। यह एक सर्जिकल प्रिसिजन स्ट्राइक थी, जो बिना किसी collateral damage के पूरी की गई।
झूठ की उम्र लंबी नहीं होती
NSA अजीत डोभाल का यह बयान पाकिस्तान के उन दावों पर सीधा और कड़ा जवाब है, जिसमें भारत की क्षति की बातें कही जा रही थीं। डोभाल ने न सिर्फ तथ्यों के साथ बात रखी, बल्कि रणनीतिक रूप से भी यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब न तो चुप बैठेगा और न ही झूठ सहन करेगा। ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन था, बल्कि यह भी दिखाने का माध्यम था कि भारत अब प्रतिक्रिया नहीं, पहल करता है। डोभाल का यह सख्त संदेश एक नई रणनीतिक दिशा की ओर इशारा करता है, जिसमें शब्द नहीं, सिर्फ कार्रवाई बोलती है।