
राजधानी भोपाल के अस्पतालों की ओपीडी में इन दिनों मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा रही है। बारिश की शुरुआत के साथ ही सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। हमीदिया, एम्स और जेपी जैसे प्रमुख अस्पतालों के चिकित्सकों के मुताबिक, मौसमी रोगों के मामलों में लगभग 20 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। वहीं डेंगू और मलेरिया के संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।
बारिश के साथ क्यों बढ़ रही बीमारियाँ?
विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण सर्दी, जुकाम और बुखार के मामलों में वृद्धि देखने को मिलती है। वहीं, बारिश के चलते जमा हुए पानी में मच्छरों का प्रजनन बढ़ जाता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलने लगती हैं। बरसात का पानी कई बार पीने के पानी और खाद्य पदार्थों को दूषित कर देता है, जिससे टाइफाइड, हैजा और डायरिया जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। साथ ही, वातावरण में नमी बढ़ने से फंगल इंफेक्शन और त्वचा संबंधी एलर्जी के मामले भी बढ़ जाते हैं।

बीमारों का बढ़ता ग्राफ
जेपी अस्पताल के डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि तापमान में अचानक आए बदलाव के कारण वायरल बुखार, सर्दी और खांसी के मामले तेजी से बढ़े हैं। ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में दो अतिरिक्त काउंटर शुरू किए गए हैं। सभी स्टाफ को निर्देशित किया गया है कि मरीजों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। साथ ही, अस्पताल में सभी आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।