हिंदू धर्म के मुताबिक सावन महीना एक ऐसा महीना है जो लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ महीना है। सावन महीने को अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की आराधना पूजा पाठ और उपवास किए जाते हैं। इस पावन महीने में भगवान शिव भक्तों की पूजा पाठ और श्रद्धा से प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते हैं। हिंदू धर्म में इस महीने से जुड़ी हुई कई ऐसी मान्यताएं हैं जो भक्तों से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई है। आइए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
सावन महीने में हरे रंग का महत्व
सावन महीने में हरे रंग का एक खास महत्व होता है। सावन महीने में हर तरफ हरा रंग ही देखने को मिलता है। जैसे हरियाली हो गई और प्रकृति हो गई जो सावन महीने में हरी भरी होती है। हरे रंग को जीवन और हरियाली के साथ उर्वरकता का प्रतीक भी कहा जाता है। अगर ऐसे में हरे रंग के कपड़े और गहने इसके साथ हरी चूड़ियां पहनी जाए तो इससे सुंदरता तो बढ़ती ही है साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। हरे रंग को बेहद शुभ माना जाता है।

महिलाओं के लिए हरे रंग का महत्व
हिंदू धर्म में भारतीय संस्कृति की बात करें तो इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है। सभी महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग की चूड़ियां धारण करती है और भगवान शिव का व्रत रखती है। इसे पहनने पर घर में शांति आती हैं साथ ही इससे पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। घर में सुख शांति बनी रहती है और भगवान शिव की कृपा बरसती रहती है।
सदियों पुरानी मान्यता
हरे रंग को लेकर सदियों पुरानी मान्यता जुड़ी हुई है। इस मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जब माता पार्वती भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या कर रही थी उस समय उन्होंने हरे रंग के वस्त्र और हरे रंग की चूड़ियां पहनी हुई थी। जिसकी वजह से आज मान्यता है कि महिलाएं इस प्रकार हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती है तो उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मां पार्वती स्वयं देती है। यह सदियों पुरानी मान्यता है।
हरी चूड़ियां पहनने के फायदे
हरी चूड़ियां पहनने पर महिलाओं में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं। महिलाओं का मन खुश रहता है और उनके मन में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है साथ ही उनके घर में सुख शांति बनी रहती है। इससे कई आस्थाएं जुड़ी हुई है साथ ही यह वैवाहिक सौभाग्य होने का प्रतीक माना जाता है।