सीबीएसई ने कक्षा 6 से 8वीं तक के छात्रों के लिए जारी किया स्किल मॉड्यूल, शामिल हुए रोजगार आधारित कोर्स, विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ

सीबीएसई द्वारा स्किल कोर्सेज की शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान की गई थी ताकि छात्रों को सिर्फ अकादमी की नहीं बल्कि रोजगार योग्य कौशल भी उपलब्ध कराई जा सके।

Kalash Tiwary
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सीबीएसई ने कक्षा 6 से 8वीं तक के छात्रों के लिए जारी किया स्किल मॉड्यूल, शामिल हुए रोजगार आधारित कोर्स, विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ

CBSE Skill Module : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा एक बार फिर से छठवीं, सातवीं और आठवीं के छात्रों के लिए स्किल मॉड्यूल जारी किया गया है।कक्षा 6 7 और 8 के छात्रों के लिए शैक्षणिक क्षेत्र 2025 26 का स्किल मॉड्यूल जारी कर दिया गया है। इसमें जोड़ी गई गाइडलाइंस और सिलेबस की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई है।

इस बार स्किल्स कोर्सेज की रेंज और गहराई दोनों में विस्तार किया गया है। जिससे छात्रों को 21वीं सदी के रोजगार आधारित कौशल से जोड़ने का प्रयास किया गया है। स्किल कोर्सेज का नया मॉडल एनसीईआरटी के सिलेबस पर आधारित है। छात्रों की उम्र समझ और कक्षा के स्तर को ध्यान में रखते हुए कक्षा के लिए अलग-अलग कोर्स मैटेरियल जारी किया गया है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े तीन नए कोर्स भी शामिल

खास बात यह है कि इस बार बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े तीन नए कोर्स भी शामिल किए हैं। वही कक्षा 6 7 और 8 में पढ़ने वाले छात्रों को इन कोर्सेस में प्रैक्टिकल नॉलेज मिलेगी। साथ ही बोर्ड का उद्देश्य छात्रों को थ्योरी और रियल वर्ल्ड एप्लीकेशन के बीच संतुलन देना है। इस पहल से छात्रों को भविष्य में करियर चुनने के लिए मार्गदर्शन मिलेगा।

सीबीएसई द्वारा स्किल कोर्सेज की शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान की गई थी ताकि छात्रों को सिर्फ अकादमी की नहीं बल्कि रोजगार योग्य कौशल भी उपलब्ध कराई जा सके। इस मामले में अफसरों का कहना है कि स्कूल शिक्षा अब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है। हमें बच्चों को उन विषयों से जोड़ना होगा, जो आने वाले समय में उन्हें आत्मनिर्भर बना सके।

नए स्किल मॉडल में टेक्नोलॉजी, आर्ट, डिजाइन, मीडिया और वैलनेस से जुड़े कई कोर्स शामिल किए गए हैं। AI कोडिंग, रॉकेट और सेटेलाइट टेक्नोलॉजी, डिजाइनिंग आर्ट और क्राफ्ट से जुड़े कोर्स फोटोग्राफी, मास मीडिया, स्किल मैन्युअल सहित बैंकिंग और बैलेंस से जुड़े 18 अलग-अलग कोर्स को भी इसमें शामिल किया गया है।

सीबीएसई ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक स्कूल और शिक्षक को इन कोर्स को लागू करना अनिवार्य होगा। छात्रों को प्रतिकाल और थ्योरी दोनों का संतुलन प्रदान करना होगा। स्कूल प्रशासन को सभी आवश्यक संसाधन और ट्रेनिंग सुविधा सुनिश्चित करनी होगी।