मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए वर्किंग वुमन हॉस्टल के निर्माण की योजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी।
राज्य में कुल चार वर्किंग वुमन हॉस्टल बनाए जाएंगे, जिनमें से एक झाबुआ जिले में भी होगा। इस पहल से महिलाओं को उनके कार्यस्थल के पास सुरक्षित और आरामदायक आवास मिलेगा।

झाबुआ में सखी निवास का निर्माण
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया कि राज्य के चार प्रमुख जिलों में वर्किंग वूमन हॉस्टल स्थापित किए जाएंगे। इनमें से एक झाबुआ भी है, जहां सखी निवास के रूप में एक नया वर्किंग वूमन हॉस्टल बनेगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री, निर्मला भूरिया ने झाबुआ जिले में इस परियोजना की स्वीकृति दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए थे। उनके इन प्रयासों के कारण ही सोमवार को जिला प्रशासन ने सखी निवास के निर्माण के लिए रतनपुरा में भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी की।
हॉस्टल के लिए किया गया भूमि का आवंटन
झाबुआ जिले में वर्किंग वूमन हॉस्टल के निर्माण के लिए 0.50 हेक्टेयर भूमि रतनपुरा तहसील के शासकीय भूमि से आवंटित की गई है। यह भूमि सर्वे नंबर 2 और 4 में से 0.73 हेक्टेयर भूमि में से 0.50 हेक्टेयर का हिस्सा है। इस भूमि का आवंटन कलेक्टर नेहा मीना द्वारा किया गया है, और यह स्थल सुरक्षित एवं सुविधाजनक माना जा रहा है।
6.64 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण कार्य
झाबुआ में बनने वाले इस वर्किंग वूमन हॉस्टल का निर्माण तीन मंजिला भवन के रूप में होगा, जिसकी कुल लागत 6.64 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। यह हॉस्टल 50 सीटों के लिए होगा, जिसमें महिलाओं के लिए सिंगल, डबल और ट्रिपल शेरिंग के कमरे होंगे, जो एसी और नॉन-एसी दोनों प्रकार के होंगे। हॉस्टल में मेस, सुरक्षा व्यवस्था, चौकीदार, स्पोर्ट्स सुविधाएं और पार्किंग की व्यवस्था भी होगी।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम
मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि यह परियोजना मिशन शक्ति के तहत कार्यान्वित की जाएगी, जो जिले की कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ी सहूलियत साबित होगी। इस हॉस्टल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास प्रदान करना है, ताकि वे अपने कार्यस्थलों पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर सकें। यह हॉस्टल महिलाओं को एक पारिवारिक माहौल देगा, जहां वे अपनी सामाजिक और पेशेवर ज़िंदगी को संतुलित कर सकें।
भूरिया ने यह भी कहा कि आज के दौर में जिले में कामकाजी महिलाओं के लिए एक ऐसा सुरक्षित और सुविधासंपन्न हॉस्टल बनाना अत्यंत आवश्यक हो गया था। इस हॉस्टल के माध्यम से, झाबुआ जिले में आने वाली कामकाजी महिलाएं किसी भी प्रकार की समस्या का सामना किए बिना काम कर सकेंगी।