मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट लागू करने जा रही है। इस कानून के लागू होने के बाद, राज्य में किसी भी सामाजिक, धार्मिक या राजनीतिक कार्यक्रम जैसे कि शादी समारोह, रैली, सभा आदि के आयोजन के लिए सबसे पहले फायर एनओसी (No Objection Certificate) लेना अनिवार्य होगा।
इसके बिना अन्य किसी प्रकार की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई आयोजक बिना फायर एनओसी के कार्यक्रम आयोजित करता है, तो उसे 10 हजार रुपए का जुर्माना और तीन महीने की जेल हो सकती है।

बड़े भवनों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी लेनी होगी फायर एनओसी
5,000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में बने शैक्षणिक संस्थानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, और औद्योगिक गोदामों के लिए भी फायर एनओसी लेना जरूरी होगा। यह कदम बढ़ती आगजनी की घटनाओं और लापरवाही को रोकने के लिए उठाया जा रहा है।
अब तक क्यों नहीं होती थी कार्रवाई?
पूर्व अग्निशमन प्रभारी और रिटायर्ड चीफ इंजीनियर एलएस बघेल का कहना है कि प्रदेश में अभी तक कोई फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं है, इसीलिए घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार लोगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती थी। उदाहरण के तौर पर, शिवपुरी और भोपाल में हुई घटनाओं में लापरवाही के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
फायर सेवा के लिए बनेगा स्वतंत्र डायरेक्टोरेट
ड्राफ्ट के अनुसार, अब राज्य में अग्निशमन सेवा के लिए स्वतंत्र डायरेक्टोरेट (संचालनालय) बनाया जाएगा। इसके तहत एक कमिश्नर और एक डायरेक्टर की नियुक्ति की जाएगी। कमिश्नर, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कमिश्नर होंगे, जबकि डायरेक्टर एक अनुभवी और योग्य अधिकारी होगा जो इस सेवा को दिशा देगा।
हर क्षेत्र में खुलेंगे फायर स्टेशन
राज्य सरकार अब आबादी, औद्योगिक क्षेत्र और व्यावसायिक स्थलों को ध्यान में रखते हुए नए फायर स्टेशन खोलने की योजना बना रही है। हर फायर स्टेशन का निर्धारित क्षेत्राधिकार होगा, जैसा कि पुलिस थानों में होता है। यहां डिप्टी फायर ऑफिसर या इससे उच्च पदस्थ अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो स्टेशन का संचालन करेगा।
भवन निर्माण में फायर सेफ्टी सिस्टम अनिवार्य
नए कानून के तहत किसी भी भवन के निर्माण के दौरान फायर सेफ्टी उपकरण जैसे ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर सिस्टम, फायर अलार्म, अग्निशमन यंत्र आदि लगाना अनिवार्य होगा। इसके बिना डायरेक्टर यूटिलिटी सर्टिफिकेट जारी नहीं करेगा। यह प्रमाणपत्र एक साल के लिए वैध होगा और समय-समय पर निरीक्षण के बाद ही इसे रिन्यू किया जाएगा।
फायर सेफ्टी अफसर की नियुक्ति होगी अनिवार्य
बड़े कारखानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और बहुमंजिला इमारतों को एक फायर सेफ्टी अफसर नियुक्त करना होगा। यह अफसर फायर डिप्लोमा या इंजीनियरिंग डिग्रीधारी होना चाहिए और वह नियमित रूप से फायर स्टेशन प्रभारी को रिपोर्ट देगा। यदि यह पद रिक्त रहता है, तो फायर अधिकारी को कार्रवाई का अधिकार होगा।
बिना अनुमति, तीन घंटे की सूचना पर निरीक्षण
फायर स्टेशन प्रभारी को यह अधिकार होगा कि वह तीन घंटे की सूचना देकर किसी भी दिन सुबह से शाम तक किसी भी इमारत या प्रतिष्ठान का फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर सकेगा। इसके लिए किसी सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। यदि निरीक्षण के दौरान खामियां पाई जाती हैं, तो संबंधित अधिकारी नोटिस जारी कर सीधे कार्रवाई कर सकते हैं।
फायर टैक्स लगेगा
नए कानून के बाद आम जनता पर प्रॉपर्टी टैक्स के अतिरिक्त एक नया टैक्स जोड़ा जाएगा, जिसे फायर टैक्स कहा जाएगा। इसे नगर निगम और नगर पालिकाएं वसूलेंगी। इसका उद्देश्य है कि अग्निशमन सेवाओं की व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।