मध्यप्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, अदालत ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा कि “माफी कभी-कभी मगरमच्छ के आंसुओं की तरह होती है।” साथ ही इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

SC ने SIT गठित करने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए SIT बनाई जाए, जिसमें तीन वरिष्ठ IPS अधिकारी शामिल होंगे। खास बात यह है कि ये सभी अधिकारी मध्य प्रदेश कैडर से बाहर के होंगे, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। इस टीम में एक महिला अधिकारी की भी नियुक्ति की जाएगी, जिससे पीड़ित पक्ष की संवेदनशीलता का ध्यान रखा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट : “भद्दे बयान, अब माफ़ी?”
सुनवाई के दौरान मंत्री विजय शाह की ओर से पेश वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल ने सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांग ली है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “ऐसे बयान बिना सोचे-समझे दिए जाते हैं और जब विवाद होता है तो माफी मांग ली जाती है। क्या ये माफी वास्तव में सच्ची है या सिर्फ बचने का जरिया?” कोर्ट ने साफ किया कि इस तरह के गंभीर और अपमानजनक बयानों के लिए महज माफी पर्याप्त नहीं है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुई थी FIR
यह मामला तब गंभीर बना जब 14 मई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद इंदौर के महू थाना क्षेत्र में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
मंत्री शाह के किस बयान से मचा बवाल ?
विवाद 11 मई को तब शुरू हुआ जब विजय शाह ने इंदौर के महू इलाके के रायकुंडा गांव में ‘हलमा’ कार्यक्रम में भाषण देते हुए ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ लेते हुए बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान दिया। उन्होंने कहा, “उन्होंने (आतंकियों ने) हमारे हिंदुओं को कपड़े उतार-उतार कर मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।” इतना ही नहीं, शाह ने आगे कहा कि “हमारी बहनों को विधवा करने वालों से बदला लेने के लिए उनके समाज की बहन को पाकिस्तान भेजा”
भारत की एक सैन्य कार्रवाई थी ऑपरेशन सिंदूर
बता दें कि जिस ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र मंत्री ने अपने भाषण में किया, वह भारत की एक सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी साझा की थी। इस ऑपरेशन में सेना की प्रमुख भूमिका रही और इसे देश की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।