मध्य प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के लिए लागू कल्याणकारी योजनाओं में अब टकराव की स्थिति बनती जा रही है। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही लाड़ली बहना योजना के बढ़ते वित्तीय बोझ का सीधा असर अब लाड़ली लक्ष्मी योजना पर पड़ता दिख रहा है।
ग्वालियर जिले में वर्ष 2024-25 की किश्त अब तक लाभार्थी बालिकाओं के खातों में नहीं भेजी गई है, जिससे हज़ारों बेटियों को आर्थिक सहायता मिलने में देरी हो रही है।

आधार व समग्र आईडी का मिलान अनिवार्य
सरकार ने हाल ही में एक नया निर्देश जारी किया है जिसके तहत लाड़ली लक्ष्मी योजना की अगली किश्त पाने के लिए आधार कार्ड और स्कूल की समग्र आईडी का आपस में मिलान जरूरी कर दिया गया है। यदि किसी बालिका की KYC प्रक्रिया पूरी नहीं है या दस्तावेज़ों में मेल नहीं हो रहा है, तो किश्त की राशि खाते में ट्रांसफर नहीं की जाएगी।
ग्वालियर जिले में 1.45 लाख से अधिक बालिकाएं लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत पंजीकृत हैं। हालांकि वित्तीय वर्ष 2023-24 की राशि तो वितरित की जा चुकी है, लेकिन नए वित्त वर्ष की किश्तें अब तक रुकी हुई हैं। साल 2024-25 में 4500 से ज्यादा नई बालिकाएं योजना से जुड़ी हैं, जिन्हें पहली बार भुगतान मिलना था, पर अब तक इंतजार कर रही हैं। इस बीच 2025 के लिए भी नए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिससे लाभार्थियों की संख्या और बढ़ेगी।
लाड़ली बहना योजना में रुक गया पंजीकरण
चुनाव से पहले लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जोरों पर थी, लेकिन आचार संहिता लगने के बाद यह प्रक्रिया रोक दी गई। चुनाव बीत जाने के बावजूद अब तक नए रजिस्ट्रेशन नहीं खोले गए हैं, जिसके चलते अब तक केवल 3.08 लाख महिलाएं ही योजना से जुड़ी हुई हैं। इस योजना में रुकावट आने से सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
लिंग असमानता को दूर करने और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लाड़ली लक्ष्मी योजना एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत सरकार बालिकाओं को कुल 1 लाख 18 हजार रुपये तक की सहायता राशि देती है। यह राशि कक्षा 6 से 12वीं तक किश्तों में दी जाती है, और 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर 1 लाख रुपये की राशि मिलती है। अगर छात्रा 12वीं के बाद किसी व्यवसायिक कोर्स में प्रवेश लेती है, तो उसे 25 हजार रुपये की अतिरिक्त छात्रवृत्ति भी मिलती है।
शिक्षा के स्तर के अनुसार मिलती है राशि
- कक्षा 6वीं में प्रवेश पर ₹2000
- कक्षा 9वीं में ₹4000
- कक्षा 11वीं में ₹6000
- कक्षा 12वीं में ₹6000
राज्य सरकार की दो बड़ी योजनाओं लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना के बीच वित्तीय संतुलन बनाना अब चुनौती बनता जा रहा है। बढ़ती लागत, अटकी किश्तें और तकनीकी प्रक्रियाएं लाभार्थियों के लिए परेशानी का कारण बन रही हैं। अगर प्रशासन समय रहते आधार सत्यापन और किश्त वितरण में पारदर्शिता नहीं ला पाया, तो यह स्थिति और भी विकट हो सकती है।