इंदौर (Indore News) – राज्य सरकार द्वारा नगरीय निकायों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ देने संबंधी आदेश 18 सितम्बर 2019 को जारी किए गए थे। जिसके तहत एम आई सी ने भी 4 फरवरी 2020 को इसकी स्वीकृति दे दी थी। निगमायुक्त प्रतिभा पाल द्वारा 17 नवंबर 2020 को निगम अधिकारियों, निगम कर्मियों और सफाई संरक्षकों को समयमान वेतनमान का लाभ दिए जाने संबंधी आदेश जारी किए गए थे। इसके लिए निगम आयुक्त द्वारा एक 5 सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया था। जिनमें अपर आयुक्त स्थापना देवेंद्र सिंह अपर आयुक्त वित्त वीरभद्र शर्मा उपायुक्त स्थापना एसके सिन्हा ,सहायक आयुक्त आरती खेडेकर सभी विभाग प्रमुख को सदस्य बनाया गया था। उक्त समिति द्वारा समयमान वेतनमान के लिए पात्र निगम कर्मियों अधिकारियों, सफाई संरक्षको की सूची का अनुमोदन किया जाना था।
उक्त समिति द्वारा अब तक समय मान वेतनमान के लिए पात्र निगम कर्मियों की सूची का अनुमोदन नहीं किया जा सका है। बताया जाता है कि समयमान वेतनमान को लेकर अपने ही कर्मचारियों के प्रति समिति के अधिकारी गंभीर नहीं हैं। यही कारण है कि 8 माह बाद भी निगम कर्मियों को समय मान वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाया है। बताया जाता है कि समय मान वेतनमान के पात्र अधिकारियों कर्मचारियों की सूची तैयार करने और इसे अनुमोदित किए जाने का काम कछुआ चाल से चल रहा है।निगम आयुक्त के आदेश पर नगर निगम के कर्मचारियों की समस्याएं हल करने के लिए पिछले वर्ष लगाए गए शिविर में सबसे ज्यादा आवेदन समय मान वेतनमान को लेकर ही आए थे।
बताया जाता है कि निगम प्रशासन द्वारा समयमान वेतनमान की पात्रता के लिए 5 वर्ष की सीआर को अनिवार्य किया गया है। सीआर पर विभाग के अपर आयुक्त के हस्ताक्षर होना भी अनिवार्य किया गया है। बताया जाता है कि सबसे ज्यादा परेशानी इसी बात को लेकर है कि निगम का एक छोटा कर्मचारी 5 साल की सीआर कहां से लाएगा और अगर प्रयास कर 5 साल की सीआर तैयार भी करवा ली तो वह अपने विभाग के अपर आयुक्त से हस्ताक्षर करवाने के लिए चक्कर लगाता रहेगा। बताया जाता है कि निगम के छोटे कर्मचारियों को अब तक भले ही समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाया हो लेकिन नगरीय प्रशासन विभाग सेवा के अपर आयुक्त उपायुक्त और सहायक आयुक्त स्तर के लगभग सभी अधिकारियों को समयमान वेतनमान का लाभ मिल चुका है। इन्हें एरियर के रूप में लाखों रुपए की राशि भी मिल चुकी है।