सिंहस्थ 2028 से पहले बदलेगी शहर की तस्वीर, करोड़ों की लागत से बनेगा सड़कों और पुलों का मजबूत नेटवर्क

प्रयागराज महाकुंभ में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, मध्यप्रदेश सरकार सिंहस्थ 2028 के लिए इंदौर और उज्जैन के इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण, ब्रिज निर्माण और नदियों के शुद्धिकरण के कार्य शामिल हैं।

प्रयागराज महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के कारण उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार अलर्ट हो गई है। सिंहस्थ 2028 के दौरान उज्जैन के साथ-साथ इंदौर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी, जिसके चलते शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दिया जाएगा। सिंहस्थ के पहले, इंदौर में ओवर ब्रिज और सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

इंदौर में होने वाले कामों में प्रमुख रूप से इंदौर-उज्जैन मार्ग को सिक्स लेन किया जाएगा। इसके साथ ही चंद्रगुप्त मौर्य चौराहे से भांग्या, शंकरखेड़ी, कराड़िया, बजरंग पालिया, धनखेड़ी, मुंडला हुसैन, शाहना, गुरान, जामोदी, सिमरोड, हिरली से देवास उज्जैन मार्ग तक 40 किमी लंबी टू लेन सड़क बनेगी। इसके अलावा, इंदौर-उज्जैन मुख्य मार्ग से अलवासा, मुरादपुर, कटक्या मार्ग तक 10 किमी टू लेन सड़क भी बनाई जाएगी।

अन्य कार्यों में सरवटे बस स्टैंड से भागीरथपुरा होते हुए लवकुश चौराहे तक एमआर-4 सड़क, एमआर-12 से लवकुश चौराहे तक देवास बायपास, एयरपोर्ट से सुपर कॉरिडोर होते हुए पालिया टोल नाका तक सड़क का निर्माण शामिल है।

शहर में कई ब्रिज बनाए जाएंगे

सिंहस्थ 2028 से पहले बदलेगी शहर की तस्वीर, करोड़ों की लागत से बनेगा सड़कों और पुलों का मजबूत नेटवर्क

साथ ही, शहर में कई ब्रिज बनाए जाएंगे जैसे लवकुश चौराहे पर बाणगंगा से अरबिंदो के बीच डबल लेयर ओवर ब्रिज, एमआर-12 पर रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज और मरीमाता चौराहा ब्रिज। बड़ा गणपति ओवर ब्रिज और कुमेड़ी में आईएसबीटी भी तैयार किया जाएगा।

नदियों के शुद्धिकरण के लिए भी कार्य किए जाएंगे

नदियों के शुद्धिकरण के लिए भी कार्य किए जाएंगे। नमामि गंगे परियोजना के तहत 511 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी और इंटरसेप्शन बनाए जाएंगे, वहीं अमृत-2 योजना के तहत 568 करोड़ रुपये में और स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कई एसटीपी और सीईटीपी निर्माण होंगे।

प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से कहीं अधिक बढ़ने के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिससे मध्यप्रदेश सरकार ने सिंहस्थ 2028 के लिए उचित इंतजामों पर ध्यान देना शुरू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने इस पर समीक्षा भी की है।