इंदौर,25अगस्त,2021। इंदौर नगर निगम के 85 वार्डो के आरक्षण के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा आरक्षित वार्डो में रोटेशन प्रकिया नही अपनाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व पार्षद एवं यवक कांग्रेस प्रवक्ता जयेश गुरनानी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसपर उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के न्यायाधिपति श्री विवेक रूसिया जी द्वारा आज सुनवाई कर मप्र निर्वाचन आयोग समेत मप्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
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पूर्व पार्षद दिलीपकौशल एवं युंका प्रवक्ता जयेश गुरनानी ने बताया कि नगर निगम के 85 वार्डो में से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वार्डो के लिये इंदौर कलेक्टर द्वारा रोटेशन प्रक्रिया नही अपनाए जाने पर इंदौर उच्च न्यायालय के समक्ष उनके द्वारा विगत दिनों इस सम्बंध में अपने अभिभाषक श्री विभोर खंडेलवाल द्वारा एक याचिका दायर की थी जिसपर उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्री विवेक रूसिया जी ने निर्वाचन आयोग,मप्र शासन और सम्बन्धितों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
कौशल एव गुरनानी ने याचिका के संदर्भ में बताया कि कलेक्टर द्वारा वार्डो के आरक्षण की प्रक्रिया रोटेशन पदत्ति से नही किये जाने को लेकर निर्वाचन आयोग को भी संज्ञान दिया था इसके पूर्व उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ ने भी नगरीय निकाय चुनाव के लिए अपनाई गई आरक्षण की प्रक्रिया को स्थगित करके सरकार को नोटिस भी जारी किया है उक्त प्रकरण भी विचाराधीन है इंदौर नगर निगम में 85 वार्ड है जिससे से 42 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित है तथा 85 वार्डो में से 3 वार्ड जनजाति तथा 9 वार्ड अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित घोषित किये गये थे उक्त प्रक्रिया में रोटेशन पदत्ति का पालन नहीं किये जाने के कारण कांग्रेस ने सवाल खड़े किये हैं उक्त याचिका के चलते यदि सरकार अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति के वार्डो को रोटेशन पदत्ति से आरक्षित करती है तो सरकार को पुनः आरक्षण की प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी जिससे 47 वार्ड प्रभावित हो सकते हैं
रोटेशन प्रक्रिया के आभाव के कारण सामान्य धोषित किये गये वार्डो में अधिकांश जनसंख्या आरक्षित वर्ग के नागरिकों की होने के बाद भी आरक्षित वर्ग के नागरिकों हेतु वार्ड सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित हो गये है ।