MP में जातिगत वर्गीकरण पर भ्रम! एक ही जाति अलग-अलग जिलों में अलग कैटेगरी, हाईकोर्ट ने सरकार को भेजा नोटिस!

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कुम्हार और रजक जाति के वर्गीकरण को लेकर याचिका दायर की गई, जिसमें एक ही जाति को अलग-अलग जिलों में भिन्न श्रेणियों में रखने पर सवाल उठाया गया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित आयोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कुम्हार और रजक जाति के कुछ लोगों ने जनहित याचिका दायर कर उन्हें अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग की है। मामले की गुरुवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

MP में जातिगत वर्गीकरण पर भ्रम

जबलपुर निवासी राकेश कुमार चक्रवर्ती और लक्ष्मण रजक की ओर से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता के वकील एसके कश्यप ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रदेश के भोपाल, रायसेन और सीहोर में रजक समाज को अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा गया है, इसी तरह सतना, रीवा, टीकमगढ़, पन्ना, शहडोल, सीधी, दतिया समेत 8 जिलों में कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया गया है।

हाईकोर्ट ने सरकार को भेजा नोटिस

याचिकाकर्ता के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि कुछ जिले ऐसे हैं जहां कुम्हार और रजक जाति को पिछड़ा वर्ग में रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में एक ही जाति के लोगों को अलग-अलग जिलों में अलग-अलग जातियों में रखा गया है, जो उनके अधिकारों का हनन है। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित आयोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी।