Pardes Movie Songs : बॉलीवुड में गानों का एक अपना इतिहास और असर रहा है। कई बार कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औसत प्रदर्शन करती है लेकिन उनके गाने इतिहास रच देते हैं और सालों साल तक लोगों की जुबान पर चढ़े रहते हैं। ऐसा ही एक म्यूजिकल क्लासिक आज से 28 साल पहले रिकॉर्ड किया गया था।
आज से 28 साल पहले 1997 में आई सुभाष घई की फिल्म परदेस आज भी दर्शकों के दिल में जिंदा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है इसके गाने। इस फिल्म के गाने हर सदी, हर दीवार को पार करते हुए आज भी बुजुर्गों सहित युवाओं के होठों पर गूंजते नजर आते हैं।

फिल्म नहीं थी बल्कि एक भावात्मक पुल
28 साल पहले रिलीज हुई परदेस सिर्फ एक फिल्म नहीं थी बल्कि एक भावात्मक पुल थी। जहां भारतीय संस्कृति और पश्चिमी सोच को बेहद उम्दा तरीके से फिल्माया गया था। इस फिल्म ने भारतीय संस्कृति की छवि और पश्चिमी सभ्यता को आमने-सामने खड़ा किया गया था। फिल्म में शाहरुख खान के अलावा महिमा चौधरी और अमरीश पुरी जैसे दिग्गज कलाकार थे। जिन्होंने दिल छू लेने वाली अदायगी की थी। महिमा चौधरी का यह डेब्यू फिल्म था। सुभाष घई के निर्देशन में बनी इस फिल्म की कहानी एक एनआरआई परिवार की होती है, जो अमेरिका में रहते हुए भारतीय संस्कृति से जुड़े रहना चाहते हैं और ऐसे में भारतीय संस्कृति की एक बेटी को अपने बेटे के साथ शादी कर विदेश में बसाना चाहते थे।
फिल्म में कुल 17 गाने
शायद आज की पीढ़ी के लिए यह आश्चर्य की बात हो लेकिन प्रदेश फिल्म में कुल 17 गाने थे। जिनमें से चार गीत ने आज के समय में भी भारी धूम मचा रखी है। परदेस फिल्म का ‘यह दिल दीवाना’ गाना युवा दिलों की पहली पसंद है जबकि ‘मेरी महबूबा’ सच्चे प्रेम का राज बताती गीत में शामिल किया जाता है। आई लव माय इंडिया में देशभक्ति की झलक देखने को मिलती है जबकि ‘दो दिल मिल रहे हैं’ खामोश इश्क की सरगम पर थिरकते हैं। इन गानों ने कैसेट से लेकर एफएम रेडियो तक हर जगह कब्जा किया हुआ है। हर शादी, संगीत और समाज में इन गानों की झलक दिखाई देती है।
फिल्म की नेट कमाई
बता दे कि परदेस फिल्म का कंटेंट बेहद ही शानदार था। इस फिल्म ने दर्शकों को भी अपनी और आकर्षित किया था। परदेस का बजट कल 10 करोड़ का था और भारत में इसने 22.83 करोड़ नेट कमाई की थी। ग्रॉस कमाई के आंकड़े की बात करें तो यह 30.4 करोड़ रही थी। विदेश में इस फिल्म ने 6.12 करोड़ की कमाई के साथ कुल कलेक्शन 40.95 करोड़ तक पहुंचा था। जिसके साथ ही 1997 की चौथी सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों में इस फिल्म ने अपनी जगह बनाई थी और फिल्म को सुपरहिट का तमगा मिला था।
परदेस के संगीत का श्रेय नदीम श्रवण की जोड़ी को जाता है। जिन्होंने हर गाने में मेलोडी और भावना का ऐसा तेलमेल बिठाया कि वह लोगों की दिल में उतर गए। आनंद बक्शी के लिखे हुए बोल आज भी उतनी ही प्रासंगिक और संजीव दिखते हैं। यह दिल दीवाना जैसे गाने आज भी डीजे की प्लेलिस्ट में मिल जाएंगे और मेरी महबूबा आज भी रोमांटिक महफिलों की शान बना हुआ है।
वही सोशल मीडिया पर एक बार फिर से ‘यह दिल दीवाना’ ट्रेंड हो रहा है। जहां लोग अपनी फेवरेट परदेस गाने के साथ रील, स्टोरी और पोस्ट शेयर कर रहे हैं। 28 साल बाद भी परदेस के गीत हर एक संगीत प्रेमी की प्लेलिस्ट में मिल जायेंगे। साथ ही वह भारतीय सिनेमा की धड़कनों में भी शामिल हो चुके हैं। शब्द बदले, आवाज़ बदली लेकिन परदेस का जादू अभी भी वही है।