आज सावन पुत्रदा एकादशी है। सावन एकादशी को पवित्रा एकादशी, श्रावण पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उद्देश्य से पुत्रदा एकादशी अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। आज के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। पुत्रदा एकादशी वाले दिन व्रत कथा को सुना जाता है। यह व्रत साल में दो बार आता है, एक पौष माह में और दूसरा सावन मास में आता है।
एकादशी तिथि 18 अगस्त 2021 को तड़के 03 बजकर 20 मिनट पर प्रारंभ होकर 19 अगस्त को रात्रि 01 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसी मान्यता है कि जो कोई श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत को सच्चे मन से करता है उसे संतान सुख प्राप्त होता है। इसके साथ ही उसकी समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत विधि-विधान से किया जाता है। वहीं जो कोई इस दिन व्रत नहीं करता है उसे नियमानुसार कुछ विशेष बातों का पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
-एकादशी के दिन महिलाओं का अपमान करने से व्रत का फल नहीं मिलता है। सिर्फ एकादशी के दिन ही नहीं व्यक्ति को किसी भी दिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं उन्हें जीवन में कई तरहों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। इस दिन जो लोग व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
-एकादशी के पावन दिन मांस- मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन ऐसा करने से जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दिन व्रत करना चाहिए। अगर आप व्रत नहीं करते हैं तो एकादशी के दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करें।
-एकादशी के दिन अपने आचार और व्यवहार से संयम और सात्विक आचरण का पालन करना चाहिए। ये पावन तिथि भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दर्शाती है।
-एकादशी का पावन दिन भगवान विष्णु की अराधना का होता है, इस दिन सिर्फ भगवान का गुणगान करना चाहिए। एकादशी के दिन गुस्सा नहीं करना चाहिए और वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए।