मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने गुरुवार, 21 अगस्त 2025 को प्रदेश के 12 जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 24 घंटों में इन जिलों में ढाई से साढ़े चार इंच तक बारिश हो सकती है। जिन जिलों को अलर्ट की श्रेणी में रखा गया है उनमें नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर शामिल हैं। इन इलाकों में तेज वर्षा के कारण निचले इलाकों में पानी भरने और जनजीवन प्रभावित होने की संभावना जताई गई है।
अब तक मानसून का 87 प्रतिशत कोटा पूरा
इस बार प्रदेश में बारिश ने अच्छा प्रदर्शन किया है। 20 अगस्त तक मध्य प्रदेश में औसत 32.4 इंच पानी गिर चुका है, जो पूरे सीजन के तय 37.3 इंच के मुकाबले लगभग 87 फीसदी है। इसका मतलब है कि मानसून का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है और अभी अगस्त का आखिरी सप्ताह बाकी है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले दिनों में होने वाली वर्षा से कई जिलों में बारिश का आंकड़ा सामान्य से ऊपर भी जा सकता है।
रतलाम और दमोह में झमाझम, कई जिलों में पानी-पानी
बुधवार को पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी रहा। रतलाम जिले में सिर्फ 9 घंटों में करीब 3 इंच पानी गिर गया, जिससे शहर की सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई। दमोह में भी साढ़े दो इंच तक वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा इंदौर, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, भोपाल, उज्जैन, बैतूल, नरसिंहपुर, रायसेन, नर्मदापुरम, शाजापुर, छिंदवाड़ा, रीवा, सतना, सीधी, विदिशा, देवास और बालाघाट जैसे जिलों में भी बारिश का असर देखने को मिला। कहीं झमाझम तो कहीं बूंदाबांदी का सिलसिला दिनभर चलता रहा।
सक्रिय सिस्टम से बढ़ा बारिश का असर
मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल प्रदेश में मजबूत सिस्टम सक्रिय है। बैतूल और मंडला के पास से होकर एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। इसके साथ ही दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर भी बना हुआ है। इन कारणों से लगातार बादल बन रहे हैं और कई हिस्सों में भारी बारिश की स्थिति बन रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले दो दिन यानी 22 और 23 अगस्त को भी कई जिलों में तेज से अति भारी वर्षा का सिलसिला जारी रह सकता है।