इंदौर के सामाजिक न्याय विभाग में लाखों रुपए का फिल्म घोटाला

Shivani Rathore
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कलेक्टर कार्यालय स्थित परिसर में सामाजिक न्याय विभाग का एक कार्यालय है यहां पर लाखों रुपए के फिल्म घोटाले की बातें सामने आ रही है बताया जा रहा है कि इस विभाग द्वारा किए गए कार्यों को लेकर फिल्में बनवाई गई जिसमें बड़े पैमाने पर घोटाले किए गए ।

खबर तो यह भी है कि यहां पदस्थ एक वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी को भी फिल्म बनाने के नाम पर लाखों रुपए का बजट दे दिया गया इसके अलावा अन्य लोगों को भी फिल्म बनाने के लिए रुपए दिए गए अब यह पूरा मामला चर्चा में है और इसे दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है ।

सवाल इस बात का है कि क्या सामाजिक न्याय विभाग द्वारा वास्तव में ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं जिनके लिए लाखों रुपए खर्च करके फिल्म बनवाई जाए इंदौर का सामाजिक न्याय विभाग अपने उन कार्यों को लेकर कभी भी सामने नहीं आया आखिर में ऐसे कौन से कार्य हैं जिनके लिए फिल्में बनवानी पड़े और सबसे बड़ी बात यह है कि इन फिल्मों का प्रदर्शन होगा कहां पर ? याने इन फिल्मों को कहां दिखाया जाएगा दूसरी बात यह है कि क्या इन फिल्मों के निर्माण के लिए शासन के नियमानुसार टेंडर निकाले गए थे ?

अगर टेंडर निकाले गए तो वे किस अखबार में प्रकाशित हुए और उन टेंडर की शर्तें क्या थी क्या टेंडर निकालने के बाद फ़िल्म निर्माण करने वाली एजेंसी का चयन हुआ? इसके अलावा यह भी स्पष्ट नहीं है कि इन फिल्मों के निर्माण के लिए भोपाल स्थित मुख्यालय से अनुमति भी ली गई या नहीं कुल मिलाकर यहां के छोटे स्तर के कर्मचारी और अधिकारी भी इस पूरे मामले पर कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं है जाहिर है कि उच्च स्तरीय खेल हुआ है जिसमें लाखों रुपए दांव पर लगा दिए गए हैं

देखने वाली बात यही है कि आने वाले समय में इस घोटाले का स प्रमाण पर्दाफाश होता है या नहीं फिलहाल तो इस विभाग के उच्च अधिकारी इस पूरे मामले को लेकर चुप हैं ।