दुनियाभर में कई तरह की बीमारियां फेल रही है. जिनका विज्ञान की मदद से और अत्याधुनिक तरीकों से सफल इलाज भी किया जा रहा है. इसी तरह जटिल बीमारी का मरीज उज्जैन के आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज के सर्जन्स के सामने आया. मरीज गोपाल उम्र 65 वर्ष, निवासी शाजापुर अपने गले की 30 साल से बनी एक पुरानी गठान, जिसका आकार बढ़ता जा रहा था, का इलाज कराने के लिए डॉ. श्याम कुमार ढकता सर्जन और प्रोफेसर के पास आया.
जिसका ऑपरेशन करना तय किया गया, लेकिन मरीज को गठान की वजह से अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी. जिसके चलते इस बड़े ऑपरेशन को इंदौर के कैंसर सर्जन डॉ नयन गुप्ता और आर.डी.गार्डी मेडिकल कॉलेज के सर्जन और प्रोफेसर डॉ. श्याम कुमार ढर्कता एवं उनकी टीम के सदस्य डॉ. सारांशी श्रीवास्तव, डॉ. गौरव पाटीदार, डॉ. अरविन्द राठौर ने इमरजेंसी में 30 साल पुरानी 5 किलो 200 ग्राम की गठान को सफलतापूर्वक गले से निकाला गठान सांस की नली को दबा रही थी.
ऑपरेशन के बारे में डॉ. नयन गुप्ता ने बताया कि “मरीज की यह गठान थायराईड ग्रंथि से विकसित होकर समय के साथ बढ़ती चली गई जिसे थायराईड सिस्ट कहा जाता है. मरीज को किसी भी प्रकार की समस्या न आने पर मरीज ने समय रहते इसका इलाज नहीं कराया, लगभग 6 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के दौरान 3 बॉटल खुन चढाया गया एवं मरीज को 1 दिन तक वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया और अगले दिन वेंटीलेटर सपोर्ट से हटाया गया एवं ऑक्सीजन ट्यूब को भी सफलता पूर्वक निकाला गया। अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है. 2 दिन बाद मरीज को डिस्चार्ज किया जाएगा.