दिनेश निगम ‘त्यागी
जैसी संभावना थी वही हुआ। ज्योतिरादित्य सिंधिया की पौबारह रही। कांग्रेस की सरकार गिरा कर भाजपा की बनवाने का ईनाम उन्हें पहले मंत्रिमंडल विस्तार में ही मिल गया था, विभागों के बंटवारे में भी वे बाजी मार ले गए। मंत्रिमंडल में उनके खास सभी केबिनेट मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग मिल गए। इसका मतलब यह कतई नहीं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा तथा कांग्रेस के तीन अन्य बागी खाली हाथ रहे। कोई कमजोर नहीं रहा और सभी के पास कुछ महत्वपूर्ण विभाग आए। मुख्यमंत्री ने जनसंपर्क, विमानन, सामान्य प्रशासन सहित कुछ विभाग अपने पास रखे हैं। नरोत्तम मिश्रा से स्वास्थ्य विभाग छीना गया तो बदले में जेल, विधि एवं संसदीय कार्य दे दिए गए। गृह उनके पास पहले से है। गोपाल भार्गव को लोक निर्माण जैसा प्रमुख विभाग दिया गया है। साफ है, विभाग बंटवारे को लेकर 12 दिन तक चले मंथन में किसी को विषपान नहीं करना पड़ा। हां, सिंधिया सब पर भारी रहे।
सिंधिया समर्थकों को मलाईदार विभाग….
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सभी मंत्रियों को मलाईदार विभागों की चासनी मिली। तुलसी सिलावट के पास जलसंसाधन पूर्ववत है जबकि गोविंद सिंह राजपूत से खाद्य लेकर राजस्व दिया गया है। गोविंद के पास परिवहन पहले से है। इमरती देवी अपना पुराना महिला एवं बाल विकास विभाग बचाने में सफल रहीं। प्रद्युम्न सिंह तोमर को खाद्य के स्थान पर ऊर्जा जैसे प्रमुख विभाग की जवाबदारी दी गई है। प्रभुराम चौधरी को स्कूल शिक्षा से भी बड़ा स्वास्थ्य विभाग मिला है। इसी प्रकार महेंद्र सिंह सिसोदिया को पंचायत एवं ग्रामीण तथा राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को उद्योग जैसे बड़े विभाग की जवाबदारी मिली है।
शिवराज ने समर्थकों के लिए बचाए ये विभाग….
– मुख्यमंत्री शिवराज ने सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, जनसंपर्क एवं विमानन अपने पास रखा है। हालांकि जनसंपर्क विभाग को नरोत्तम मिश्रा चाहते थे। मुख्यमंत्री अपने सबसे खास मंत्री भूपेन्द्र सिंह को नगरीय प्रशासन, विकास एवं आवास तथा जगदीश देवड़ा को वाणिज्य कर, वित्त जैसे भारी-भरकम विभाग देने में सफल रहे। शिवराज ने अपने विश्वस्त विजय शाह को वन, विश्वास सारंग को चिकित्सा शिक्षा, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह को खनिज तथा मोहन यादव को उच्च शिक्षा विभाग की जवाबदारी सौंपी।
तीन अन्य बागियों को भी किया संतुष्ट….
– कांग्रेस के तीन बागियों बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना एवं हरदीप सिंह डंग को सिंधिया खेमे का नहीं माना जाता। हालांकि ये अब सिंधिया के साथ हैं। इन्हें भी महत्वपूर्ण विभाग देकर संतुष्ट किया गया है। गोविंद सिंह राजपूत से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति लेकर बिसाहू को सौंपा गया है। कंसाना को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मिला है जबकि डंग को पर्यावरण एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की जवाबदारी मिली है।
सिंधिया की बुआ यशोधरा भी मजबूत….
– विभागों के बंटवारे में इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया को भी मजबूत किया गया है। उन्हें उनके पंसदीदा खेल एवं युवक कल्याण, रोजगार के साथ तकनीकी शिक्षा जैसे बड़े विभाग की जवाबदारी दी गई है। बता दें, काफी समय से यशोधरा की शिवराज के साथ कैमिस्ट्री नहीं बैठ पा रही थी। स्पष्ट है कि विभाग बंटवारे को लेकर मंथन भले लंबा चला लेकिन इसके जरिए सभी को संतुष्ट करने की कोशिश हुई है।
विभाग वितरण के साथ भाजपा में बागी सुर….
– विभाग वितरण में भले सबको संतुष्ट करने की कोशिश हुई है लेकिन शिवराज सरकार को कांग्रेस के साथ अपने भी नसीहत दे रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम पूर्व मंत्री भाजपा विधायक अजय विश्नोई का है। विभाग वितरण को लेकर अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है- ‘इस हाथ दें, उस हाथ लें, का शानदार उदाहरण प्रस्तुत हुआ है मप्र की वर्तमान राजनीति में। आज जब सरकार न तो बनाना थी और न गिराना। फिर यह क्यों किया गया? आप भाजपा को कहां ले जाना चाहते हैं? जनता को बताएं ना बताएं भाजपा को यह बताना होगा। या फिर हमें संस्कारों का उल्टा पाठ पढ़ाना होगा।’ मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पहले भी विश्नोई अपनी पार्टी पर निशाना साध चुके हैं।