इंदौर 13 जुलाई,2020
ग्रिड एवं फीडर के लास सतत घटाने के लिए संबंधित इंजीनियर प्रयास करे, जितनी बिजली खर्च हुई हैं, उसी अनुपात में बिलिंग और फिर राजस्व संग्रहण हो। बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए भी प्रत्येक अधिकारी अपने स्तर से प्रयास करें।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास नरवाल ने उक्त निर्देश दिए। वे आज एक बैठक में इंजीनियरों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गर्मी में आबादी क्षेत्रों में बिजली का भारी मात्रा में उपयोग हुआ है, इनके बिलों की वसूली ठीक प्रकार से की जाए। नरवाल ने कहा कि विजिलैंस गतिविधियों का बढ़ाया जाए, ताकि बिजली चोरी पर अंकुश लगे। नरवाल ने बुरहानपुर एवं खरगोन के अधिकारियों को कार्यपद्धित में सुधार के प्रति चेताया। उन्होंने आपूर्ति, मीटराइजेशन, स्टोर, मैंटेनेंस, काल सेंटर, सूचना प्रौद्योगिकी के कार्य, अभियान की भी जानकारी ली व गुणात्मक सुधार के निर्देश जारी किए। विद्युत संपत्तियों के साथ ही जन सामान्य की सुरक्षा के लिए बने नियमों के पालन पर बल दिया गया।
पीथमपुर व दूधिया पर जोर
प्रबंध निदेशक नरवाल ने बताया कि पीथमपुर की बिजली व्यवस्था की सुपर मानिटरिंग होगी, ताकि सामान्य अवस्था में 24 घंटे में से एक मिनिट भी बिजली आपूर्ति बंद न हो। इसके लिए उच्च स्तरीय मैंटेनेंस के साथ ही वहां नए कार्य भी कराए जाएंगे। ग्रिड व फीडरों की हाईटेक मानिटरिंग भी होगी। इसी तरह इंदौर के बायपास इलाके की 20 कालोनियों को बिजली वितरित करने वाले दूधिया केंद्र की व्यवस्थाएं हाईटेक की जा रही है। यहां काल सेंटर कर्मचारी दुगुने किए गए है, दो नए पावर ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे है, 100 नए पोल लगाकर केबलीकरण किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर, निदेशक मनोज झंवर, कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे, एवं गजरा मेहता, कैलाश शिवा, एस.आर. बमनके, आरएस खत्री, आरके नेगी, अंतिम जैन, डीएस चौहान, नरेंद्र बिवालकर, सुनील पाटौदी आदि ने भी जानकारी प्रस्तुत की।