इंदौर: हाल ही में इंदौर शहर में लूट की दो सनसनीखेज वारदातें हुई थी जिसमें एक में 8 जुलाई 2020 को अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र अंतर्गत उषा नगर में लुटेरों ने घर की महिलाओं को बंधक बनाकर सोने चांदी के जेवरात लूट लिए थे और दूसरी घटना में दिनांक 10 जुलाई 2020 को दोपहर के समय परदेशीपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक्सिस बैंक में चार हथियारबंद बदमाशों ने बैंक कर्मियों को गन प्वाइंट पर लेकर 535000 रुपए की लूट की घटना को अंजाम दिया था।
दोनों ही घटनाएं अत्यंत संवेदनशील थी जिस को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए आईजी इंदौर जोन विवेक शर्मा एवं डीआईजी इंदौर(शहर) हरिनारायण चारी मिश्र खुद मैदान में उतरे तथा विवेचना त्वरित गति से एवं व्यावसायिक तरीके से हो यह सुनिश्चित करने हेतु थाना एवं क्राइम ब्रांच की 50 से अधिक टीमों का विभिन्न कार्यों हेतु गठन किया।
इस तरह की घटनाएं कारित करने वाले पुराने रिकॉर्ड वाले गुंडे बदमाशों की व्यापक चेकिंग की गई एवं उनसे पूछताछ की गई सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और फील्ड स्टाफ की मदद के लिए टेक्निकल टीम को भी इस कार्य में लगाया गया ।
पुलिस द्वारा पिछले 3 दिनों से किए जा रहे अथक प्रयास अंततः सफल हुए और पुलिस ने आज दोनों घटनाओं में संलिप्त गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की।
उषा नगर क्षेत्र की घटना में आरोपी
- पप्पू पिता कन्हैयालाल जाटव उम्र 40 साल निवासी 15 वालदा कॉलोनी महू नाका इंदौर(घटना का मास्टरमाइंड,सगे भांजे के साथ मिलकर फरियादी के घर की रेकी की)
- बंटी पिता राधेश्याम उम्र 35 साल निवासी 15 वालदा कॉलोनी इंदौर ( मास्टरमाइंड का सहयोगी जो घटना के वक्त फरियादी की मल्टी के पास अपनी एक्टिवा के साथ आने-जाने वालों पर नजर रख रहा था)
- सोनू उर्फ अभय पिता जितेंद्र तिवारी उम्र 25 साल निवासी स्कीम नंबर 103 तेजपुर गड़बड़ी इंदौर ( घटना को अंजाम देने मुख्य आरोपी जो 5 अन्य लोगो के साथ फरियादी के घर मे घुसा था )
- शुभम पिता मनोहर शर्मा उम्र 25 साल निवासी विश्वकर्मा नगर इंदौर (मुख्य आरोपी सोनू का दोस्त जो घटना को अंजाम देने के लिए फरियादी की मल्टी में घुसा था)
- राहुल पिता नगजीराम केवट उम्र 21 साल निवासी ग्राम कायस्थ खेड़ी सांवेर जिला इंदौर ( मुख्य आरोपी सोनू व अन्य बदमाशो के साथ घटना को अंजाम देने के लिए फरियादी की मल्टी में घुसा था )
- गोपी पिता रमेश पारसनिया उम्र 27 साल निवासी ग्राम कायस्थ खेड़ी सांवेर जिला इंदौर ( मुख्य आरोपी सोनू व अन्य बदमाशो के साथ घटना को अंजाम देने के लिए फरियादी की मल्टी में घुसा था
- तरुण उर्फ राहुल पिता भगवान सिंह उम्र 29 साल निवासी राजनगर सेक्टर ए इंदौर (मुख्य आरोपी सोनू व अन्य बदमाशो के साथ घटना को अंजाम देने के लिए फरियादी की मल्टी में घुसा था)
- राजेश उर्फ नेपाली पिता कैलाश शिंदे उम्र 48 साल निवासी 57 राज नगर इंदौर (मुख्य आरोपी सोनू व अन्य बदमाशो के साथ घटना को अंजाम देने के लिए फरियादी की मल्टी में घुसा था।)
- गोविंद ठाकुर पिता मान सिंह ठाकुर उम्र 38 साल निवासी ग्राम मंडोरी जिला टीकमगढ़ (मल्टी का सिक्युरिटी गार्ड जिसने बदमाशो को फरियादी के घर मे संपत्ति होने की सूचना दी थी) गिरफ्तार हुए हैं। इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड पप्पू पिता कन्हैयालाल जाटव उम्र 40 साल निवासी 15 वालदा कॉलोनी महू नाका इंदौर था।
इस संपूर्ण घटना में पुलिस ने आरोपियों के पास से एक देशी कट्टा, एक पिस्टल, दो चाकू ,दो सोने की चेन एक सोने का कड़ा, मंगलसूत्र ,चांदी के सिक्के ,चांदी की अंगूठी एवं 15 हजार रुपए नकद एवं घटना में प्रयुक्त वाहनों एवं मोबाइल्स को जप्त किया है।
इन्होंने इसके अलावा संगम नगर सहित तीन अलग-अलग व्यापारियों के घर को भी टारगेट कर रखा था जिनके घर में कैश रहता है। ऐसे समय में जब घर के पुरुष घर पर न हो इन घरों में लूट करने की इनकी योजना थी जोकि विफल हो गई अगर यह पकड़े नहीं जाते तो शहर मैं इस तरह की कई अन्य घटनाएं घटित हो सकती थी। इस गिरोह को पकड़ने में एडिशनल एसपी क्राइम ब्रांच श्री राजेश दंडोतिया एवं उनकी टीम तथा एडिशनल एसपी ज़ोन-2 श्री मनीष खत्री एवं उनकी टीम का मुख्य योगदान रहा है , जिसके लिए आईजी इंदौर श्री विवेक शर्मा ने उनको बधाई देते हुए 30 हजार का नकद पुरस्कार दिया है।
इसी प्रकार बैंक लूट की घटना की विवेचना के दौरान पहले बैंक के गार्ड से पूछताछ की गई जिसमें उसने पहले तो पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया परंतु जब उसके बयानों में विरोधाभास पाया गया तो उससे सख्ती से पूछताछ की गई जिसमें वह टूट गया और उसने बताया कि उसने अपने चार अन्य साथियों
शुभम पिता शिवाजी कोर्डे उम्र 24 साल निवासी नई जीवन की फेल इंदौर
- शुभम पिता राजू वर्मा उम्र 20 साल निवासी गली नंबर 8 सरोज गांधीनगर इंदौर
- अंकुर पिता नरेंद्र चोकसे उम्र 30 साल निवासी आदर्श बिजासन नगर परदेसीपुरा इंदौर
- रोहित यादव निवासी बाल्मीकि नगर इंदौर के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया है जिसके बाद पुलिस टीमों को इन चारों बदमाशों की तलाश में लगाया गया।
गार्ड के बताए अनुसार और मुखबिर तथा टेक्निकल स्टाफ की सूचना के आधार पर पुलिस ने इन आरोपियों की घेराबंदी शुरू की। सर्च के दौरान सुपर कॉरिडोर ब्रिज के नीचे तलाशी के दौरान कुछ लोगों की संदिग्ध हरकत देखे जाने पर पुलिस द्वारा उनको सामने आने के लिए बोला गया जिस पर इन लोगों द्वारा पुलिस पर गोली चलाई गई जिसपर जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षार्थ फायर किया जिसमें दो बदमाशों के पैर में गोली लगी, जिसमे से एक अंकुर चौकसे है जिसने लूट के दौरान महिला कैशियर से पैसे छीने थे और एक शुभम कार्डे है जो लूट के दौरान बैंक में पिस्टल लहरा रहा था।
घटना में तीसरा बदमाश शुभम वर्मा गिरने से घायल हुआ। वारदात के बाद चौथा बदमाश रोहित यादव नि बाल्मीकि नगर जो शहर छोड़ कर भाग गया था उसे पुलिस द्वारा शिवपुरी जिले से हिरासत में लिया गया है और इंदौर लाया जा रहा है।
इस पूरी कार्रवाई में पुलिस टीम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशिकांत कनकने, नगर पुलिस अधीक्षक परदेसीपुरा निहित उपाध्याय, थाना प्रभारी परदेसीपुरा राहुल शर्मा एवं थाना प्रभारी बाणगंगा राजेन्द्र सोनी भी घायल हुए हैं और आर . 3387 मुकेश सिंह भी घायल हुए हैं।
इस घटना में आरोपियों के पास से 3 लाख 10 हजार रुपए नगद एवं दो पिस्टल बरामद की गई हैं। इस घटना के पर्दाफाश में एडिशनल एसपी शशिकांत कंकण एवं उनकी टीम तथा टेक्निकल सेल प्रभारी एसआई श्रद्धा यादव तथा उनकी टीम का मुख्य योगदान रहा जिसके लिए आईजी ने उनकी प्रशंसा करते हुए 30 हजार का नगद पुरस्कार दिया है।
इस संपूर्ण प्रकरण में गठित की गई 50 से अधिक टीमों को कार्य आवंटित कर उनके बीच समन्वय बैठाना, सैकड़ों की सीसीटीवी कैमरा की फुटेज देखकर उनका विश्लेषण करना, साइबर सेल द्वारा प्राप्त डेटा का विश्लेषण कर फील्ड की टीमों को उससे अवगत कराना, पुराने अपराधियों की धरपकड़ कर उनसे पूछताछ करना, यह सभी कार्य इतने कम समय में किया जाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण था जो कि लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के समन्वय व सतत पर्यवेक्षण के कारण ही संभव हो सका।
आईजी इंदौर विवेक शर्मा ने समस्त टीमों के अधिकारियों/ कर्मचारियों को इसके लिए बधाई दी है और साथ ही निर्देशित किया है कि वर्तमान में चल रहे गुंडा विरोधी अभियान व सड़क चेकिंग को पूरी लगन एवं गंभीरता से किया जाए ताकि अपराधियों की धरपकड़ घटना के पूर्व ही की जाकर शहर वासियों को इस तरह की घटनाओं से बचाया जा सके।