कई ऐसे लोग है जो अपनी सेहत का बिल्कुल ध्यान ही नहीं रख पाते हैं। कई लोगों को ऑफिस जाने की जल्दी होती है तो कई लोगों को बच्चों और पति का काम करना होता है। इसी भागदौड़ में अक्सर सेहत का ख्याल भूल जाना बहुत आम बात है। इस कारण हम सिर्फ पेट भरने के लिए किसी भी समय कुछ भी खा लेते हैं। इसके बाद शुरू होती है एसिडिटी की परेशानी जो कई बार इतनी बढ़ जाती है कि, हमारा खाना-पीना, उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है।
वैसे एसिडिटी का मुख्य कारण होता है, अनियमित भोजन, तेल और मसालेदार खाने का अधिक सेवन। साथ ही जिन्हें नशे की लत होती है उन्हें भी ये समस्या होती है। ध्यान देने वाली बात ये है कि, गैस या एसिडिटी की परेशानी से व्यक्ति को ब्लडप्रेशर या शुगर की बीमारी भी आसानी से घेर लेती है। इसलिए सभी लोगों को आहार में उन चीजों की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए जो पेट के लिए फायदेमंद हों और कब्ज की समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हों।
दही: जिन लोगों को अक्सर कब्ज की परेशानी रहती हैं उन्हें दही का सेवन ज्यादा करना चाहिए। दही में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं जो आंत को स्वास्थ रखने के साथ मल को नरम करने में मदद कर सकते हैं। साल 2014 में किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि दो सप्ताह तक हर सुबह 180 मिलीलीटर की मात्रा में दही का सेवन करने वाले लोगों में पुरानी कब्ज ठीक होने के साथ आंतों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
ब्रोकली: ब्रोकली में ‘सल्फोराफेन’ नामक एक यौगिक मौजूद होता है जो आंत को स्वस्थ बनाए रखने के साथ पाचन को आसान करता है। इसके अलावा यह आंत में कई ऐसे सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकने में सहायक है जो पाचन को कठिन बना देते हैं। साल 2017 के किए गए एक अध्ययन में कुछ लोगों को 4 सप्ताह तक प्रतिदिन 20 ग्राम कच्ची ब्रोकली स्प्राउट्स या 20 ग्राम अल्फाल्फा स्प्राउट्स खाने को दिया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने ब्रोकली स्प्राउट्स खाए उनमें कब्ज के लक्षण काफी कम देखे गए।
दाल: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बीन्स, दाल, छोले और मटर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। फाइबर, ऐसा पोषक तत्व है जो पाचन को सही करने के साथ कब्ज को कम करता है। साल 2017 में किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि 100 ग्राम की मात्रा में पकी हुई दाल से दैनिक फाइबर की आवश्यकताओं की 26 फीसदी पूर्ति की जा सकती है। दाल की इतनी मात्रा में ही पोटेशियम, फोलेट, जिंक और विटामिन बी-6 जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो कब्ज को कम करने के साथ शरीर के लिए कई अन्य प्रकार से भी फायदेमंद हो सकते हैं।
ऑलिव ऑयल: जैतून और अलसी के तेल में लैक्सेटिव गुण मौजूद होते हैं जो आंत के कार्यों को आसान बनाने के साथ कब्ज से राहत दिलाने में काफी सहायक हो सकते हैं। इन तेलों में ऐसे यौगिक भी होते हैं जो पाचन में सुधार के लिए बेहद आवश्यक माने जाते हैं। इसके आलवा जैतून और अलसी के तेल में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लामेटरी गुण भी मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद माने जाते हैं। साल 2015 के एक अध्ययन में पाया गया कि जैतून और अलसी के तेल हेमोडायलिसिस से गुजर रहे लोगों में कब्ज की दिक्कत को दूर करने में मदद कर सकते हैं।