बॉलीवुड के ट्रैजडी किंग दिलीप कुमार का 98 वर्ष की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। उनके निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई हस्तियां ने शोक जताया है। दिलीप कुमार का MP से खास नाता रहा है। वे ‘नया दौर’, ‘आन’ समेत कई फिल्मों की शूटिंग कर चुके हैं। ‘नया दौर’ के तांगे एवं मोटर गाड़ी की रेस वाला सीन और ‘उड़े जब-जब जुल्फें तेरी’ गाना भी बुधनी के जंगल में ही फिल्माया गया था। मांडू, इंदौर में भी उन्होंने फिल्मों की शूटिंग की है।
मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के डायरेक्टर आलोक चटर्जी बताते हैं कि बॉलीवुड ने एक ऐसा शख्स खो दिया, जो रील ही नहीं रीयल में भी हीरो था। मध्य प्रदेश के ही नहीं देश के ऑइकानिक एक्टर थे। विभाजन के समय वे पाकिस्तान में नहीं गए। मध्य प्रदेश में कई फिल्मों के सील फिल्माए गए थे। इनमें सबसे खास वैजयंती माला स्टारर क्लासिक फिल्म ‘नया दौर’ थी। ‘आन’ फिल्म में नदीरा पहली बार हीरोइन लांच हुई थी। उनके साथ दिलीप कुमार ने नरसिंहगढ़ के किले में कई सीन फिल्माए थे।
नरसिंहगढ़ के किले में भी दिलीप कुमार ने फिल्म की शूटिंग की।
फिल्म ‘दिल दिया दर्द लिया’ की शूटिंग के दौरान वे एक डेढ़ महीने से ज्यादा मांडू में रुके थे। इस दौरान उनके साथ वहीदा रहमान, प्राण जैसे कई बड़े कलाकार भी आए थे। ‘नया दौर’ की शूटिंग के समय उनका भोपाल आना-जाना भी लगा रहता था। फिल्म ‘आन’ की शूटिंग इंदौर के लालबाग और ‘गंगा जमुना’ की शूटिंग लोकेशन इंदौर के करीब स्थित मानपुर घाट को बनाया गया था।
नवाब घराने से भी थे पारिवारिक रिश्ते
दिलीप कुमार के नवाब घराने से पारिवारिक रिश्ते थे। मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के डायरेक्टर चटर्जी बताते हैं कि ‘नया दौर’ फिल्म के समय वे भोपाल नवाब हमीदुल्लाह साहब के साथ शिकार करने जाते थे। उर्दू, अंग्रेजी व हिंदी भाषा के साथ उनकी पख्तून भाषा का भी गहरा ज्ञान था।
इटारसी में चुनावी प्रचार करने आ चुके दिलीप कुमार
फिल्म जगत के जाने-माने सितारे दिलीप कुमार साहब का इटारसी कनेक्शन रहा है। इंदिरा गांधी ने जब 1977 में चुनाव कराया तब, चौधरी नीति राज सिंह कांग्रेस प्रत्याशी थे। उनके चुनाव प्रचार में दिलीप कुमार और जॉनी वॉकर इटारसी आए थे। कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सके थे।
बलवाड़ा रेलवे स्टेशन पर हुई थी ‘गंगा-जमुना’ फिल्म की कुछ शूटिंग
फिल्म ‘गंगा जमुना’ की शूटिंग के लिए 1958 में दिलीप कुमार पहली बार आए थे। फिल्म की यूनिट ने बलवाड़ा में डेरा डाला था। दिलीप कुमार स्टेशन पर ही कई अहम दृश्य फिल्माए गए। ट्रेन लूटने का फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण दृश्य भी यहीं फिल्माया। उस समय मीटरगेज ट्रेन पर यह शूटिंग हुई थी।
इसी तरह दिलीप कुमार का हरसूद के सकतापुर गांव से गहरा जुड़ाव रहा है। यहां के यूसुफ पटेल, स्वर्गीय हैदर पटेल से दिलीप कुमार का दोस्ताना रहा है। वे अक्सर सकतापुर आते थे।