कोरोना के आंकड़ें छिपाने वाले देशों को भुगतना पड़ सकता है बुरा अंजाम: WHO

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है। अमेरिका कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित और इसका कारण है वहां के लोगों की लापरवाही। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित देशों से जागने की अपील की है। WHO के इमरजेंसीज डायरेक्टर माइक रेयान ने जेनेवा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों को जागने की जरूरत है, आंकड़े और जमीनी हकीकत झूठ नहीं बोल रहे हैं।

माइक रेयान ने कहा कि कई सारे देश आंकड़ों से मिले संकेत को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक वजहों से व्यापारिक गतिविधि शुरू करने की जरूरत हो सकती है, लेकिन समस्या को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। यह समस्या जादुई तरीके से खत्म नहीं होगी।

माइक रेयान ने आगे कहा कि महामारी को काबू करने के लिए कोई भी वक्त देर नहीं होता। पूरे देश में लॉकडाउन करने की जगह कम संक्रमण वाले क्षेत्र में शर्तों के साथ ढील दी जानी चाहिए लेकिन जिन क्षेत्रों में वायरस बेहद तेजी से फैल रहा है, वहां कड़े कदम उठाने की जगह कोई और विकल्प नहीं है।

अगर विभिन्न देश लॉकडाउन को खोल देते हैं और उनके पास बढ़े हुए मामलों को डील करने के लिए क्षमता नहीं होगी तो ‘सबसे बुरी स्थिति’ पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य व्यवस्था मरीजों का इलाज नहीं कर पाएगी तो अधिक लोगों की जानें जाएंगी।

उन्होंने पूछा कि क्या आप ट्रांसमिशन घटाने के अलावा किसी और तरीके से वायरस को काबू कर सकते हैं? अगर नहीं तो आपके पास लॉकडाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं है.