भगवान शिव के 10 रुद्रावतार के बारे में क्या आप जनता है? ये है उनके 10 अवतार

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हिंदू मान्यताओं के अनुसार सावन महीने का काफी ज्यादा महत्त्व माना जाता है। सावन के महीने में भोले अपने भक्तों से प्रसन्न रहते हैं। सावन कई ऐसी तिथियां आती हैं जो इस महीने में और भी ज्यादा खास हो जाती हैं। इस बार सावन जुलाई में शुरू होने वाले है। इस बार श्रावण मास की शुरूआत 6 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 3 अगस्त को होगा। इस श्रावण एक अद्भुत संयोग बन रहा है। क्यों की इस सावन की शुरुआत पहले सोमवार से हो रही है। वहीं सावन का अंतिम दिन भी सोमवार का ही दिन है।

ये है भगवन शिव के 10 रुद्रावतार-

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आज हम आपको बताने जा रहे हैं रुद्रावतार भगवान शिव के अवतारों को कहा जाता है। दरअसल, भगवान शिव के 28 अवतार हुए थे। जिनमें से 10 प्रमुख है। आपको बता दे, वेदों में भगवान शिव का नाम रुद्र आया था। जिसके अर्थ होता है भयानक यानि रुद्र संसार के देवता है। वहीं विद्वानों द्वारा शिव के सभीप्रमुख अवतार व्यक्ति को सुख, समृद्धि, भोग, मोक्ष प्रदान करने वाले और व्यक्ति की रक्षा करने वाले हैं। शास्त्रों के अनुसार, हिन्दू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व बताया गया है। श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। कई हिन्दू ग्रंथों में भी इस माह को विशेष महत्व दिया गया है।

आपको बता दे, शिव के प्रमुख अवतारों में से पहला अवतार महाकाल को माना जाता है। वहीं उनका दूसरा अवतार तारा नाम से प्रसिद्ध है। शिव जी का तीसरा अवतार रुद्रावतार बाल भुवनेश है। आपको बता दे, दस महाविद्या में से एक माता भुवनेश्वरी का शक्तिपीठ उत्तराखंड में है। वहीं शिव जी का चौथा रुद्र अवतार षोडश श्रीविद्येश है। उनके पांचवें रुद्रावतार सबसे प्रसिद्ध माने गए हैं जिन्हें भैरव कहा जाता है। छठा रुद्र अवतार छिन्नमस्तक नाम से प्रसिद्ध है। शिव के दस प्रमुख रुद्र अवतारों में सातवां अवतार द्यूमवान नाम से विख्यात है। आठवां रुद्र अवतार बगलामुख नाम से जाना जाता है। शिव के दस रुद्रावतारों में नौवां अवतार मातंग है। वहीं दस प्रमुख अवतारों में दसवां अवतार कमल नाम से विख्यात है।