अब की बार कुछ इस तरह मनाए जाएंगे त्यौहार। आपको बता दे, 1 जुलाई को देवशयनी एकदशीसे चातुर्मास शुरू हो रहे हैं। इस बार सभी त्यौहार देरी से आ रहे है। बता दे, चातुर्मास का मतलब वो होता है जब 4 महीने शुभ काम नहीं किए जाते है। ये त्योहारों का सीजन होता है। दरअसल, देवशयनी एकादशी से देवप्रबोधिनी एकादशी के बीच के समय को चातुर्मास कहते हैं। लेकिन इस बार अधिक मास के कारण चातुर्मास 4 महीने की बजाए 5 महीने का है। वहीं श्रद्धा पक्ष के बाद आने वाले सारे त्योहार लगभग 20 से 25 दिन देरी से आएंगे।
साथ ही इस बार आश्विन माह का अधिकमास है। ये खत्म होते ही अगले दिन से नवरात्रि शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इस बार 17 सितंबर 2020 को श्राद्ध खत्म होंगे और अगले दिन से अधिकमास शुरू हो जाएगा, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। वहीं 17 अक्टूबर से नवरात्रि आरंभ होगी। इस तरह श्राद्ध और नवरात्रि के बीच इस साल एक महीने का समय रहेगा। दशहरा 26 अक्टूबर को और दीपावली 14 नवंबर को मनाई जाएगी। 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी रहेगी और इस दिन चातुर्मास खत्म हो जाएंगे।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार 19 साल पहले 2001 में आश्विन माह का अधिकमास आया था। अंग्रेजी कैलेंडर का लीप ईयर और आश्विन के अधिकमास का योग 160 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 1860 में ऐसा अधिकमास आया था, जब उसी साल लीप ईयर भी था।