उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला भव्य पैमाने पर शुरू हो चूका है। 13 जनवरी से शुरू हुए इस आयोजन में करोड़ों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं और पवित्र स्नान कर रहे हैं। फिल्मी हस्तियों से लेकर राजनीतिक नेताओं तक कई लोग पवित्र स्नान कर रहे हैं। कुंभ मेला फरवरी की 26 तारीख तक चलेगा। कुछ दिन पहले कुंभ मेले में भगदड़ मचने से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। कई लोग घायल हो गए। इसी परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ आवश्यक सावधानियां बरती जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रयागराज महाकुंभ मेले में कोई भी श्रद्धालु भटक न जाए।
अब विद्युत खंभे करेंगे आपकी मदद
यद्यपि मौनी अमावस्या के दिन कई श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खो दिया, फिर भी सरकार ने ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। प्रथम चरण में विद्युत क्षेत्र ने 52,000 विद्युत खंभों पर नई पहल की है।
विद्युत खंभों में क्या है ख़ास?
महाकुंभ मेला क्षेत्र में 52,000 से अधिक बिजली के खंभों पर विशेष तकनीक लगाई गई है। यदि कोई व्यक्ति रास्ता भटक जाता है, तो वह पास के बिजली के खंभों पर दिए गए नंबर या क्यूआर कोड का उपयोग करके प्रशासन से मदद मांग सकता है।
- GIS मैपिंग: प्रत्येक पोल का स्थान डिजिटल रूप से दर्ज किया जाता है।
- विशिष्ट संख्या: प्रत्येक पोल की एक विशिष्ट संख्या होती है। इससे आपको सही जगह ढूंढने में मदद मिलेगी।
- क्यूआर कोड: स्मार्टफोन पर क्यूआर कोड को स्कैन करने पर एक ऑनलाइन फॉर्म खुल जाएगा। आप वहां अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं।
यह सेवा महाकुंभ मेले के दौरान भटक जाने वाले श्रद्धालुओं की मदद के लिए शुरू की गई है। यह बात तुरंत प्रशासन और पुलिस तक पहुंच जाएगी। इसके बाद वे तत्काल कार्रवाई करेंगे। विद्युत विभाग की इस पहल से न केवल लोगों की आवाजाही कम होगी, बल्कि श्रद्धालुओं की यात्रा भी सुरक्षित और आसान हो जाएगी।